प्रयागराज (ब्यूरो)गर्मी के समय में चलने वाली लू वैसे भी परेशानी का बड़ा कारण है। इसे फेस करना बेहद टॅफ टॉस्क होता था। चल में वह रही विकास की आंधी ने लू के सीजन में दुकानदारों से लेकर घरों में रहने वाले लोगों तक की मुसीबत बढ़ा दी है। इस सिरीज में आज हम बात कर रहे हैं बेली नाला से कमिश्नरेट गेट कटरा जाने वाली रोड की। यह रोड कॅमर्शियल कम रेजीडेंशियल ज्यादा है। यहां नाला बनाने के लिए खोदाई की गयी है। काम गति पर है तो सड़क को खोद कर मिट्टी किनारे छोड़ दी गयी है। यही मुसीबत की जड़ बन गयी है। दिन भर चलने वाली हवा से मिट्टी घरों के भीतर पहुंच रही है। घर की खिड़की तक खोल पाना मुश्किल हो गया है। कितनी भी सफाई करो डस्ट दिख ही जाती है। स्थिति यह है कि डस्ट की बात करने पर अब एरिया में काम करने वाली मेड भी तेवर दिखाने लगी हैं।

स्ट्रीट फूड का बिगड़ रहा स्वाद
इस रोड पर सैकड़ों मकान बने हैं। फिक्स्ड शॉप भी हैं। स्टूडेंट बेल्ट है तो स्ट्रीट फूड की डिमांड ज्यादा है। रोड किनारे नाश्ते व सब्जी आदि की दुकान लगाने वाले व्यापारी परेशान हैं। धूल मठरी, समोसा, पकौड़ा आदि सामानों पर जम जाती है और उसे देखते ही कस्टमर नाराज हो जाता है। सब्जी दुकानदारों का और बुरा हाल है उन्हें हमेशा पानी मारकर सब्जी को साफ करना पड़ रहा है। बगैर पत्ते वाली जैसे आलू, प्याज अदरक या अन्य सब्जियों को तो बगैर पानी के साफ कर लेते हैं, मगर मूली, पालक, सागा प्याज, सोया, चौराई, मेथी जैसी सब्जियां धूल पडऩे से खराब हो जाती हैं। रोड किनारे बने कमरे के अंदर जिनकी स्थाई दुकानें हैं वह भी इस धूल से परेशान हैं। कहते हैं कि कितना भी इंतजाम कर लें मगर धूल दुकान के अंदर आ ही जाती है। घर में धूल बालकनी से लेकर टेरिस और फर्श तक पर हमेशा जमी रहती है। ऐसा लगता है कि झाडू लगा ही न हो। इसकी शिकायत करने पर मेड भी त्योरियां चढ़ा लेती है। शाम को झाड़ू और पोछा की बात करने पर मेड काम छोडऩे की बात करने लगती है।

विकास कार्य चल रहा है तो धूल तो उड़ेगी ही। वाटर स्प्रे इसका साल्यूशन हो सकता है। धूल रूम में पहुंचने से काफी दिक्कत तो सभी को हो रही है। धूल की वजह से सांस लेने में दिक्कत है। दुकानों पर रखे सामान धूल धूसरित हो जा रहे हैं। दुकानदार भी परेशान हैं।
विशाल प्रजापति
मम्फोर्डगंज फव्वारा चौराहा

ज्यादा दिक्कत तो हम दुकानदारों को ही हो रही है। सामानों को बचाने के लिए पूरे दिन जंग लडऩी पड़ रही है। धूल देखकर ग्राहक तक कट जाते हैं। इतनी सफाई रखने के बाद भी हालात आप खुद देख सकते हैं। पानी का छिड़काव बहुत जरूरी है।
पिंटू यादव
दुकानदार त्रिपाठी चौराहा

इन दिनों रोड किनारे खुदाई करके अंडरग्राउंड विद्युत पाइप लाइन बिछाई जा रही है। खोदी गई मिट्टी से उड़ रही धूल से दुकानों के सामान गंदे हो जा रहे हैं। बार-बार इनकी धुलाई और सफाई करनी पड़ रही है। पानी का छिड़काव मिट्टी व धूल पर किया जाना जरूरी है।
सुनील यादव
मम्फोर्डगंज

धूल की वजह से घर की फर्श से लेकर टेरिश तक पर धूल जमा हो जा रही है। घर में सफाई के लगाई गई मेड तो पूरे दिन रहती है। मगर वह सुबह के अलावा शाम को डस्टिंग को तैयार नहीं होती। कुछ बोलते हैं तो वह इरिटेट होकर काम छोडऩे की बात करने लगती है। इसका प्रभाव कम हो सकता है बशर्ते यहां पानी का छिड़काव कराया जाय।
आदर्श कुमार
दूरदर्शन चौराहा

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