प्रयागराज ब्यूरो ।जिले से तो मलेरिया का सफाया हो रहा है, लेकिन दूसरे प्रदेशों से यहां बीमारी के मरीज तेजी से आ रहे हैं। पिछले एक माह में शहर में मुंबई से मलेरिया के छह मरीज आ चुके हैं। इनमें से एक पीएफ (प्लाज्मोडियम फैल्सीपेरम) का केस है। जो कि जानलेवा माना जाता है। इसके मरीज का इलाज चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि दूसरे शहरों से मलेरिया के मरीजों का आना सही नही है।

कमाने गए थे, हो गए बीमार

मलेरिया से ग्रसित आधा दर्जन मरीज मुंबई कमाने गए थे। लेकिन वहां बीमार होकर वापस चले आए। इनमें से एक मरीज पीएफ और बाकी पांच मरीज पीवी यानी प्लाज्मोडियम वाइवैक्स के हैं। बता दें कि प्रयागराज में मलेरिया लगभग सफाए के कगार पर है। जनवरी से अब तक मलेरिया के 18 मरीज मिले है। जिसमें से आधा दर्जन मुंबई से आए हैं।

आधे से अधिक का अंतर

मलेरिया विभाग का कहना है कि कुछ साल पहले तक मलेरिया के मरीजों की संख्या जिले में काफी अधिक थी। लेकिन, वर्तमान में यह काफी कम हो गई है। जबकि डेंगू के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। इस साल जनवरी से अब तक डेंगू के मरीजों की संख्या 30 है जो मलेरिया के मुकाबले दोगुने से अधिक है। ऐसे में बाहर के प्रदेशों मे मलेरिया के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। वहां से आने वाले मरीजों से फिर से बीमारी का खतरा बढ़ सकता है।

मलेरिया के लक्षण

- तेज बुखार

- ठंड लगना

- सिर दर्द

- चक्कर आना

- सिर और शरीर में दर्ज

-उल्टी और पेट दर्द

बचाव

- घर के आसपास पानी जमा मत होने दें

- सोते समय मच्छर दानी का यूज करें

- कमरे के खिड़की दरवाजे रात में बंद रखें

- मलेरिया चूंकि मच्छर के काटने से होता है इसलिए मच्छरो ंसे बचाव के विकल्प यूज करें

- मरीज के लिए हर हाल में मच्छरदानी का उपयोग करें

फैक्ट फाइल

जनवरी से अब तक मिले मलेरिया मरीज- 18

इनमें से माइग्रेटेड मामले- 6

जनवरी से अब तक मिले डेंगू के मामले- 30

शहरी एरिया के मरीज- 24

ग्रामीण एरिया के मरीज- 6

जिले मे मलेरिया के मरीज तेजी से कम होते जा रहे हैं। इस साल तो महज 12 मिले। लेकिन चिंता का विषय है कि मुंंबई से आधा दर्जन मरीज आ गए हैं और इसमें से एक पीएफ का है। ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है ।

आनंद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज