पूर्व निदेशक एनसीजेडसीसी ने बयां किया दर्द

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PRAYAGRAJ: मेरा कार्यकाल दो साल के लिए मंत्रालय की ओर से बढ़ा दिया गया। उसका लेटर भी मुझे रिसीव करा दिया गया था। इसके बाद अचानक क्या हुआ कि राजभवन से आदेश जारी हो गया और डीएम बिना मुझे रिलीव किए चार्ज लेने पहुंच गये। वहां का पदभार ग्रहण कर लिया। मेरा एक्सटेंशन कैंसिल किये जाने की कोई सूचना तक मुझे ऑफिशियली रिसीव नहीं करायी गयी। वेल प्लांड तरीके से मेरा कार्यकाल खत्म कर दिया गया। ये बातें बुधवार को एनसीजेडसीसी के पूर्व डायरेक्टर इंद्रजीत सिंह ग्रोवर ने कही। प्रेस कांफ्रेस करके उन्होंने कहा कि अगर मंत्रालय को मेरा कार्यकाल खत्म करना था तो लेटर भेज देते। मैं खुद यहां से अपने मूल पद पर लौट जाता। उन्होंने अचानक हुए फैसले पर मंत्रालय और राजभवन को पत्र लिखा है।

किस आधार पर हटाया गया

मीडिया से बातचीत के दौरान पूर्व डायरेक्टर इंद्रजीत सिंह ग्रोवर ने दावा किया कि नए मेमोरेंडम के हिसाब से निदेशक की नियुक्ति और पदमुक्त करने का अधिकार गवर्नर के पास नहीं है। इसके बाद भी मुझे किस आधार पर हटा दिया गया? समझ से परे है। मेरी सर्विस को एक्सटेंड करने का लेटर मंत्रालय की ओर से 18 दिसंबर 2020 को जारी हुआ था। उसके एक दिन पहले ही मेरा कार्यकाल खत्म हो रहा था। मंत्रालय का पत्र दिखाते हुए उन्होंने कहा कि इसमें 18 दिसंबर 2020 से 17 दिसंबर 2022 तक मेरे कार्यकाल को बढ़ाने का आदेश है। उन्होंने कहा कि राजभवन से आदेश मिलने के बाद डीएम ने एनसीजेडसीसी पहुंचकर मेरी अनुपस्थिति में चार्ज ले लिया। जबकि चार्ज देने का मेरा कोई सिग्नेचर उनके पास नहीं है। इससे मैं आहत हूं।