अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल, प्रयाग केमिस्ट एसोसिएशन फुटकर एवं चिकित्सकों की वर्चुअल मीटिंग में ब्लैक फंगस पर हुई चर्चा

अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल, प्रयाग केमिस्ट एसोसिएशन फुटकर ,महिला मंडल एवं चिकित्सकों की मंगलवार की वर्चुअल मीटिंग में ब्लैक फंगस (माइको माइटोसिस)के बारे में चर्चा की गई। जिसमें बताया गया कि इस बीमारी के मरीज बहुत तेजी से निजी अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। कोरोना संक्रमण के बाद फंगल इन्फेक्शन जानलेवा साबित हो सकता है। उसके उपचार के लिए एंफोटरइसिन इंजेक्शन लाइको सोमल बाजार में ढूंढने से भी नहीं मिल रहा है। प्लेन एंफोटरइसिन का रोल इतना प्रभावशाली नहीं है, जितना कि लाइको सोमल का है। यह बात डॉ शरद साहू ने बताई। प्रयाग केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष लालू मित्तल ने इस पर जवाब दिया की यह इंजेक्शन बहुत कम बिका करता था ,दुकानदार बहुत कम संख्या में इसको खरीद कर रखते थे। उसके बाद भी यह इस्तेमाल न होकर एक्सपायर हो जाया करता था, अभी निजी अस्पतालों में भर्ती मरीज को एक ही मरीज को 40 वायल लग रहे है,ं जिसके कारण यह शार्ट हो गया है। मंडल प्रभारी सुशांत केसरवानी ने कॉल्विन अस्पताल में कोविड-19 वैक्सीन लेने वालों के बीच में अव्यवस्था ,अफरा तफरी और पुलिस के लाठी भांजनी को निंदनीय बताया।

समय रहते इलाज कराना जरूरी

ईएनटी सर्जन डॉ एलएस ओझा ने बताया कि इस संक्रमण से घबराने की जरूरत नहीं है। समय रहते लक्षणों पर ध्यान देकर इस बीमारी से निजात पाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि कोरोना के दौरान या बाद में नाक में खुजली, डिस्चार्ज में खून, आंख के नीचे सूजन, आंख से काली गंदगी आना, कम दिखना, सांस में तकलीफ, सुस्ती बेहोशी आदि इसके लक्षण हैं। इसमें नाजाल इंडोस्कोपी, सीटी स्कैन, ईएनएस, सीटी स्कैन चेस्ट की जांच से पता लगाया जा सकता है। उन्होंने इन लक्षणों के आने पर घबराने की जरूरत नहीं है। तत्काल डॉक्टर की सलाह लेकर इलाज शुरू कर देना चाहिए।