प्रयागराज ब्यूरो । उमेश पाल अपहरण कांड में फैसला आने के साथ ही आर्डर कापी में दर्ज बयानों पर भी बात होने लगी है। 142 पेज के जजमेंट में उन तथ्यों पर बात हो रही है जो कोर्ट के सामने पेश किये गये थे। गवाहों के बयान चौंकाने वाले हैं। उमेश का बयान ही इस फैसले का आधार बना है। चर्चा रही कि शायद अतीक ने इसे पहले ही भांप लिया था, इसी के चलते उसके अपहरण की साजिश रची गयी थी। संयोग से यही वह पहला मुकदमा बन गया जिसमें अतीक, उसके वकील और वफादार मैसेजेंर को उम्र कैद की सजा सुनाई गयी है।

बयान में रिश्तों का भी जिक्र

समेत अन्य आरोपितों के बयान दर्ज है। उमेश पाल ने अपने बयान में कहा है कि आरोपित उसे अगवा कर जब अतीक के चकिया ऑफिस ले गए तो वहां अतीक ने गाली देते हुए कहा कि जब राजू पाल विधायक बनकर चार महीने से ज्यादा नहीं चला तो तेरी क्या औकात है। इसके बाद उमेश पाल ने न्यायालय में दर्ज कराए गए अपने बयान में कहा कि अतीक की धमकी के बाद वह रोनेे गिड़गिड़ाते हुए जान की दुहाई मांगने लगा। आगे उमेश पाल ने बयान में लिखवाया कि उसे यह याद नहीं कि यह बयान उसने धारा 161 दंड संहिता के बयान में अंकित कराया या नहीं। उमेश पाल के बयान में पूजा पाल से अनबन, रिश्तों में खटास का भी जिक्र है। असल में अभियुक्तगणों ने अपने बयान में कहा है कि उमेश ने राजू पाल की पत्नी पूजा पाल के दबाव और अपने फायदे के लिए झूठा केस दर्ज कराया। इसी पर उमेश ने कहा कि पूजा से उनके रिश्ते ठीक थे। उनसे पूछा गया कि जब आप थाने में बंद हो गए थे तो पूजा पाल थाने पहुंची थीं और कुछ बात हुई थी? तो उमेश ने कहा कि याद नहीं है। इसका फायदा आरोपित पक्ष ने उठाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाये।