प्रयागराज ब्यूरो दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम एक कॉल पर मिलने वाले स्मैक के बारे में कई दिनों से पड़ताल में जुटी हुई थी। पहले हर एक पहलू को समझने की कोशिश की गई। इस दौरान एक जगह से फोन नंबर हाथ लगा। रिपोर्टर ने ****327307 नंबर पर कॉल किया। जिसके बाद सीधे विवेक शुक्ल का नाम लेते हुये 'टाइट मालÓ चाहिए। किसी को भेज दीजिए। लोकेशन पूछने के बाद एक व्यक्ति शहर तरफ आ गया। लोकेशन पूछकर न्यूजपेपर में लिपटे स्मैक को चेक कराया और 220 रुपये व आने का पचास रुपये दस किलोमीटर के हिसाब से चार्ज कर लिया और निकल गया। जब दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने उसी नंबर पर कॉल कर किलोमीटर के हिसाब से चार्ज के बारे में पूछा तो होलागढ़ क्षेत्र से मॉल शहर तरफ सप्लाई की बात कही। फोन पर मौजूद व्यक्ति का
दावा था कि वह ही शहर के तमाम जगहों पर सप्लाई करता है। रेट और चार्ज को लेकर बिल्कुल बेहिचक रहने की बात कही। यह तो साफ है कि इतने खुलेआम अगर कारोबार चल रहा है तो पूरा मामला सेट ही होगा।


पांच मिनट के अंतराल हुई बातचीत का अंश
सप्लायर - मॉल आपका ही है
रिपोर्टर - हां
सप्लायर - पैसा तो मालूम ही होगा न
रिपोर्टर - कितना हुआ मालूम नहीं है
सप्लायर - 220 इस पुडिय़ा का और बाकि आने का चार्ज
रिपोर्टर - चार्ज तो नहीं दूंगा देना हो तो दो
सप्लायर - इतना समय नहीं है मॉल एक नंबर का है बोले तो चेक करा दूं
रिपोर्टर - माल दिखाओ, न्यूजपेपर में लिपटे माल को चेक कराया लेकिन लाने का चार्ज न देने पर वापस लेकर लौट गया।

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होलागढ़ क्षेत्र है सेफ
काफी दिनों से इस ऑपरेशन में लगे दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम को तमाम जानकारियां हासिल हुई। होलागढ़ काफी सेफ माना जाता है। शहर से दूर होने के साथ ही प्रतापगढ़ का बॉर्डर है। तकरीबन सात से आठ किलोमीटर के बाद दूसरा जिला लग जाता है। सूत्रों की माने तो यहां स्मैक का कारोबार करने वालों ने स्थानीय थाने के कुछ लोगों को सेट कर रखे है। जिसमें कुछ महीने पहले एक सिपाही द्वारा बड़े स्मैक के कारोबार करने वाले से पैसे की डिमांड कर रहा था। उस सिपाही का नाम भी काफी चर्चित में था। सीओ तक को जांच मिली थी। उसको स्मैकियों को पकडऩे के लिए कॉल कराने की बात कहकर मामले को दबा दिया गया। यहीं कारण है कि यह कारोबार अब शहर तरफ फैल चुका है।

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टीम बनी और हो गई गायब
नशे के कारोबार को खत्म करने के लिए पूर्व में रहे एसएसपी द्वारा नारकोटिक्स की टीम का गठन तक किया गया। यह टीम भी दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट द्वारा चलाए गए अभियान के बाद बनाई गई। शुरुआत में ताबड़तोड़ कार्रवाई कर एसएसपी व अन्य अधिकारियों का दिल जीत लिये। फिर मामला धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में चली गई। अब ये टीम कहां गई क्या हुआ कुछ पता नहीं है। मगर उस टीम के लोग आज भी नशे के कारोबार करने वालों के टच में है और खेल बराबर चल रहा है।


अगर इस तरह का खेल चल रहा है तो एक टीम बनाकर पकडऩे का कार्य किया जाएगा। इसमें जो भी संलिप्त होगा। उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी।
डा। राकेश कुमार सिंह, आईजी रेंज