प्रयागराज (ब्‍यूरो)। दूरदर्शन केन्द्र प्रयागराज ने दिल्ली से आए प्रसार भारती सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के अपर महानिदेशक के सम्मान में आकाशवाणी एवं दूरदर्शन के कलाकारों मनोज गुप्ता, स्वाती निरखी, शिखा त्रिपाठी एवं मोनानली चक्रवर्ती ने शाम -ए-गजल की एक शानदार शाम सजाई। अपर महानिदेशक ने दिन भर आकाशवाणी व दूरदर्शन केन्द्र के अधिकारियों के साथ कुछ अनिवार्य बैठक के साथ ही दस्तावेजों काअवलोकन किया। आकाशवाणी की उद्घोषिका शिप्रा श्रीवास्तव ने दूरदर्शन केन्द्र में उनका एक विशेष साक्षात्कार लिया जिसका विषय था लोक प्रसारक की भूमिका में प्रसार भारती। उक्त साक्षात्कार का शीध्र ही दूरदर्शन उत्तर प्रदेश से प्रसारण किया जाएगा।

हम रो रहे हैं आप कोई गीत गाइये
दूरदर्शन केन्द्र प्रयागराज के कार्यक्रम प्रमुख व निदेशक अभिषेक तिवारी की अगुवाई और कार्यक्रम समन्वयक हर्षित कुमार के कुशल संयोजन में आयोजित शाम-ए-गजल में प्रख्यात गायक मनोज गुप्ता, नामचीन गायिका स्वाति निरखी के साथ ही अपनी गायिकी और दिलकश आवाज के चलते तेजी से चर्चा में आ रही गायिका शिखा त्रिपाठी और मोनाली चक्रवर्ती ने एक से बढ़कर एक गजलें प्रस्तुत की। शुरुआत स्वाति निरखी ने वयोवृद्ध शायर सुरेन्द्र शास्त्री के गजल संग्रह पूछती हैं मछलियों से मछलियां की एक गजल, मौसम है अपना बज्म-ए-तरब फिर सजाइए, हम रो रहे हैं आप कोई गीत गाइये से की। उसके बाद मनोज गुप्ता ने आईएएस डॉक्टर हरिओम की रचना आंखों में इकरार नहीं है कह दो हमसे प्यार नहीं है, बशीर भद्र की रचना वो चांदनी का बदन खुशबुओं का साया है, गायिका शिखा त्रिपाठी ने बैठे हुए देते हैं वो दामन से हवाएं, अल्लाह करे हम ना कभी होश में आएं।

ये दौलत भी ले लो
मोनाली चक्रवर्ती ने अगर तलाश करूं कोई मिल ही जाएगा, मगर तुम्हारी तरह कौन मुझको चाहेगा तथा सालोना सा सजन है और मैं हूंगाकर खूब महफिल जमाई। अपर महानिदेशक की मांग पर मनोज गुप्ता एवं स्वाति निरखी ने युगल गीत यह दौलत भी ले लो यह शोहरत भी ले लो तथा मनोज गुप्ता ने राज इलाहाबादी की गजल लज्जते गम बढ़ा दीजिए, आप फिर मुस्कुरा दीजिएतथा सरकती जाए है रुख से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता सुनाकर मंत्र मुग्ध कर दिया। कलाकारों की मांग पर अपर महानिदेशक ने भी बशीर बद्र की लिखी गजल सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा, इतना मत चाहो उसे वो बेवफा हो जाएगा सुनाकर अपनी मखमली सुरों का एहसास कराया। समस्त कलाकारों के साथ रविशंकर बांसुरी, जय किशन वायलिन, दुर्गेश कुमार सिंथेसाइजर, प्रशांत भट्ट ऑक्टोपैड, सूर्या भट्ट ढोलक तथा आशुतोष गुप्ता एवं वासुदेव पांडे ने तबले पर संगत करके चार चांद लगा दिया। मंच संचालन सुप्रसिद्ध उद्घोषक संजय पुरुषार्थी और शरद कुमार मिश्रा ने किया। प्रोग्राम में आकाशवाणी दूरदर्शन केन्द्र के अधिकारियों कर्मचारियों के साथ ही अंशू त्रिपाठी, ज्योति यादव, अमित अवधेश, विभूति के अलावा शहर के कई गणमान्य मौजूद रहे।