कई बार बोर्ड में कम परसेंटेज से जेईई एडवांस में नहीं शामिल हो पाते थे स्टूडेंट्स

सरकार के कदम से सीधे होगा स्टूडेंट्स को फायदा

जेईई मेन और एडवांस को लेकर हुए बदलाव का सीधा असर स्टूडेंट्स के सलेक्शन पर पड़ेगा। एनटीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से आयोजित होने वाले जेईई मेन में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स शामिल होते हैं। लेकिन जेईई एडवांस तक पहुंचने में कई बार बोर्ड के परसेंट की अनिवार्यता आड़े आती थी।

अच्छा स्टूडेंट होने के बाद भी वे कई बार बोर्ड परीक्षा में 75 प्रतिशत अंक हासिल नहीं कर पाते थे। जिसके कारण वह जेईई एडवांस के लिए एलिजबिल नहीं होते थे, लेकिन इस बार कोविड 19 को देखते हुए जेईई एडवांस में शामिल होने वाले बोर्ड एग्जाम में 75 प्रतिशत की अनिवार्यता खत्म कर दी गई। जिसका सीधा फायदा उन स्टूडेंट्स को होगा, जिनके बोर्ड एग्जाम में 75 प्रतिशत अंक नहीं होते थे। ऐसे में इस बार उन्हें भी जेईई एडवांस में बैठने का मौका मिल सकेगा।

चार बार जेईई मेन का मिल रहा मौका

कोरोना महामारी ने जहां पूरे साल लोगों को परेशान किया। वहीं जेईई मेन की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स के लिए ये साल फायदे वाला साबित होगा। एनटीए की ओर से इस बार जेईई मेन का आयेाजन चार बार होगा। अभी तक जेईई मेन का आयोजन सिर्फ दो बार यानी जनवरी व अप्रैल में होता था। लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार उसे चार बार कर दिया गया है। इसमें फरवरी, मार्च, अप्रैल व मई में जेईई मेन का आयोजन इस बार किया जाएगा। ऐसे में स्टूडेंट्स चारों बार फार्म भरके परीक्षा में शामिल हो सकते है।

- स्टूडेंट्स अगर एक बार किसी कारण असफल हो गए, तो उनके पास तीन और चांस होगा। जेईई एडवांस में भी परसेंटज के कारण बाहर होने वाले स्टूडेंट्स को मौका मिला है।

सिबा प्रसाद

लेक्चरर, बिशप जानसन स्कूल एंड कालेज

- जेईई एडवांस के लिए स्टूडेंट्स के पास ये गोल्डेन चांस है। इसके जरिए वो स्टूडेंट्स भी आईआईटी में दाखिले का सपना देख सकेंगे। जिनका सपना बोर्ड परसेंटज के कारण टूट गया था।

राम अवतार

टीचर, मेवालाल अयोध्या प्रसाद इंटर कालेज