मूल बजट

प्रारंभिक अवशेष (अनुमानित)-64,00,00,000

कुल अनुमानित आय-8,31,79,12,000

प्रारंभिक अवशेष सहित कुल अनुमानित आय-8,95,79,12,000

कुल अनुमानित व्यय-8,9577,56,000

कुल संभावित अवशेष-1,56000

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- सदन की विशेष बैठक के दूसरे दिन मूल आय बजट सहित अन्य मुद्दों पर करीब पांच घंटे हुई चर्चा

- जलकल के पुनरीक्षित एवं मूल आय पर चर्चा के बाद आज पास होगा बजट

नगर निगम सदन हाल में गुरुवार को नगर निगम के मूल आय बजट 2021-22 पर हुइ पांच घंटे चर्चा के बाद नगर के विकास कार्यो के लिये खर्च होने वाले करीब नौ अरब रुपये का बजट पास हो गया। महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने शाम करीब साढ़े पांच बजे सर्वसम्मति से बजट पास होने की घोषणा की।

'रबर स्टैम्प' पर हुआ था हंगामा

नगर निगम और जलकल विभाग के पुनरीक्षित 2021-22 और मूल आय व्ययक(बजट)के लिये बुधवार को सदन की विशेष बैठक बुलाई गयी थी। बुधवार को दोपहर तक सिर्फ भाजपा पार्षद किरन जायसवाल के आरोप 'कार्यकारिणी सदस्य रबर स्टैम्प' पर बखेड़ा होता रहा। पार्षद ने कई ऐसे अनरगल आरोप एवं टिप्पणी कर डाली जिस कारण महापौर को उन्हें निलंबित करना पड़ा। जिस कारण बजट पर चर्चा देरी से शुरू हुई।

राष्ट्रीय गीत के साथ शुरू हुई सदन की कार्रवाई

बुधवार को नगर निगम का पुनरीक्षित बजट पास हो गया लेकिन मूल आय बजट पर चर्चा शाम तक चली लेकिन बजट पास नहीं हो सका। जिसके लिये गुरुवार को दोपहर 12 बजे समय निर्धारित किया गया। नगर निगम के मूल आय बजट पर चर्चा एवं पास होने के बाद जलकर के पुनरीक्षित एवं मूल आय बजट पर चर्चा होनी थी। समयानुसार दोपहर 12 बजे से पूर्व मुख्य अभियंता सतीशचंद्र, मुख्यकर निर्धारण अधिकारी पीके मिश्रा, सीएफओ सहित तमाम अधिकारी एवं करीब आधे पार्षद भी सदन हाल में उपस्थित हो गये। महापौर सदन की पटल पर उपस्थित हुईं। दो मिनट बाद नगर आयुक्त रविरंजन भी पहुंचे। 12.04 बजे राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' के बाद सदन की काररवाई शुरू हुई।

बजट पढ़ने के दौरान चलता रहा सवाल जवाब

सीएफओ ने आठ अरब 15 करोड़, 77 लाख, 56 हजार रुपये का बजट पेश करना शुरू किया। उन्होंने सीमा कर, पथकर, तहबजारी अधिष्ठान, लाइसेंस, नगर की सफाई व्यवस्था, कर्मशाला अधिष्ठान, स्वास्थ्य विभाग आदि मदों में खर्च होने वाले व्यय का ब्यौरा धनराशि सदन के समक्ष रखना शुरू किया तो बीच-बीच में पार्षद धनराशि को कहां-कहां खर्च होने के बारे में जानकारी मांगने लगे। सीएफओ, मुख्य अभियंता सतीश चंद्र, पर्यावरण अभियंता उत्तम वर्मा, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके मिश्र, नगर आयुक्त रविरंजन यहां तक महापौर ने भी पार्षदों के सवालों को जबाव दिया।

पार्षद ने कोरम न पूरा होने का दिया हवाला तो हुआ हल्ला

सीएफओ विभिन्न मदों में खर्च होने वाले व्यय को लगातर पढ़ते जा रहे थे। अलोपीबाग पार्षद कमलेश सिंह कुछ पूछना चाहते थे पर वह अनसुना कर बजट की कापी पढ़ते जा रहे थे। जिस पर कमलेश सिंह हल्ला मचाते हुये कह दिया कि बजट पेश नहीं हो सकता, क्योंकि सदस्यों का कोरम पूरा नहीं है। जिस पर महापौर और कार्यकारिणी उपाध्यक्ष अखिलेश सिंह भी भड़क उठे। महापौर ने कहा कि यह आप सदस्यों की जिम्मेदारी है कि कोरम पूरा करें। अखिलेश सिंह ने कहा कि बजट को लेकर हो रही चर्चा के चार घंटे बीत चुके हैं और अब उन्हें कोरम की याद आयी।

छाया रहा शुआट्स का मुद्दा

दरअसल बुधवार को पार्षद अशोक सिंह ने शुआट्स के गृहकर का मुद्दा उठाया था। उनका कहना था कि शुआट्स पर करीब आठ करोड़ का गृहकर दिखाया गया था। बाद में संशोधित होकर एक करोड़ से अधिक गृहकर निर्धारण किया गया। इसके अलावा बैद्यनाथ सहित दो अन्य कंपनियों का गृहकर निर्धारण अधिक किया गया था। उन्होंने उसका जबाव मांगा था, कहा गया था कि दस्तावेज के साथ जवाब दिया जायेगा। गुरुवार को सदन की काररवाई भी इसी मुद्दे के लेकर शुरू हुई। मुख्य निर्धारण अधिकारी पीके मिश्र ने शुआट्स के गृहकर निर्धारण से लेकर संशोधित गृहकर निर्धारण तक सारी कार्रवाई से अवगत कराया। जिस पर पार्षद अशोक सिंह ने पीडब्ल्यूडी से जांच कराने की बात कही और बैद्यनाथ सहित दो अन्य कंपनियों का जिक्र किया। महापौर ने हस्तक्षेप करते हुये कहा कि अगर उन्हें नगर निगम की कार्यप्रणाली पर आशंका है तो वह न्यायालय की शरण ले सकते हैं। न्यायालय दो आदेश देगा उसका पालन किया जायेगा। इस मुद्दा सदन में करीब आधे घंटे तक छाया रहा।

आनंद भवन-कमला नेहरू अस्पताल के गृहकर पर हुई चर्चा

पार्षद अशोक सिंह ने आनंद भवन और कमला नेहरू अस्पताल पर लगाये गये गृहकर निर्धारण का मुद्दा भी उठाया। जिस पर मुख्य कर निर्धारिण अधिकारी ने बताया कि दोनों मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं जो न्यायालय फैसला करेगा उसी के अनुसार आगे कार्रवाई की जायेगी। महापौर ने कहा कि आनंद भवन से जुड़े अधिकारी कहते है कि यह चैरिटेबुल ट्रस्ट है, इसलिये इस पर कर नहीं लगाया जा सकता। महापौर का कहना था कि अगर चैरिटेबुल ट्रस्ट है तो उसके दस्तावेज सौंपे जाय। कहा कि आनंदभवन में कामर्शियल गतिविधियां होती है, इसलिये उस पर कर लगाया गया है। मेंहदौरी पार्षद मुकुंद तिवारी ने कहा कि उन्होंने चैरिटेबुल ट्रस्ट होने के दस्तावेज सौंपे है, लेकिन अभी तक उन दस्तावेजों के आधार पर कार्रवाई नहीं हुई।

यात्रा भत्ता एवं घाटों की सफाई की धनराशि बढ़ी

नगर निगम के मूल आय बजट में महापौर यात्रा भत्ता, स्नानघाटों एवं नालों की सफाई में होने वाले व्यय को बढ़ा दिया गया है्र। बजट में पदाधिकारियों और प्रधान कार्यालय का अधिष्ठान मद में महापौर को यात्रा के लिये दो लाख रुपये प्रावधान रखा गया था। जिसे पार्षदों के कहने पर पांच लाख रुपये कर दिया गया। इसी तरह नगर की सफाई एवं स्वच्छता(स्वास्थ्य विभाग)के मद में घाटों या नालों आदि की सफाई पर व्यय होने के लिये बजट में पांच करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। जिसे बाद में महापौर ने आठ करोड़ रुपये कर दिया।