प्रयागराज (ब्‍यूरो)। नैनी के बसवार कूड़ा निस्तारण प्लांट में कचरे का पहाड़ बन गया है। शहर में निकले कचरे के इस पहाड़ से उठ रही दुर्गंध आसपास के लोगों का जीना दुश्वार कर दी है। करीब पांच किलो मीटर तक फैल रही दुर्गंध से इस एरिया में रहने वाले लोग परेशान हैं। यहां पर कूड़े का पहाड़ बनने के पीछे प्लांट में कचरा डंपिंग की क्षमता कम होना बताया जा रहा है। प्लांट में कूड़ा निस्तारण के लिए बनाए गए डंपिंग प्वाइंट की क्षमता रोज शहर में निकलने वाले कचरे की अपेक्षा काफी कम है। ऐसे हालात में आसपास के एरिया में दुर्गंध से बीमारी फैलने की आशंका लोग व्यक्त कर रहे हैं। कंपनी शहर से कलेक्ट होने वाले पूरे कचरे का निस्तारण नहीं कर पा रही है। प्लांट में यह बदतर हालात मंगलवार को महापौर के निरीक्षण में सामने आए हैं। स्थितियों को देखते हुए महापौर ने अविलंब कचरा निस्तारण की क्षमता प्लांट में बढ़ाए जाने के निर्देश कार्यदायी संस्था को दिए हैं।

सीमा विस्तार होने के बाद बढ़े बीस वार्ड
नगर निगम एरिया का विस्तार होने से पूर्व यहां महज 80 वार्ड थे। सीमा विस्तार होने के बाद वार्डों की संख्या बढ़कर 100 हो गई है। जबकि जब नैनी के बसवार में कूड़ा निस्तारण प्लांट बना था उस वक्त 80 वार्डों का कचरा ही कलेक्ट हो रहा था। बीस वार्डों के बढ़ जाने से रोज निकलने वाला कचरा भी बढ़ गया है। निरीक्षण में टीम के साथ पहुंचे महापौर ने देखा कि बसवार प्लांट में कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है। प्लांट में हद से ज्यादा गंदगी पसरी हुई है। पूछताछ में बताया गया कि पांच लाख टन कूड़े का ढेर प्लांट में लगा है। जिसका निस्तारण नहीं हो पा रहा है। यह जानकारी मिलने के बाद पर्यावरण अधिकारी से उन्होंने पूछताछ की।
नगर निगम के पर्यावरण अधिकारी ने बताया कि उस प्लांट को रोज 400 टन कूड़ा डंपिंग के लिहाज से डिजाइन किया गया है। जबकि मौजूदा समय में शहर से साढ़े छह सौ से सात सौ टन कूड़ा कलेक्ट करके बसवार प्लांट पहुंच रहा है।

डंपिंग की क्षमता से अधिक है कूड़ा
यह प्लांट में डंपिंग की क्षमता से अधिक है। पता यह भी चला कि कार्यदायी संस्था हरी भरी के द्वारा ठीक से काम नहीं किया जा रहा है। कूड़े का सही से व समय पर निस्तारण नहीं किए जाने के कारण ही प्लांट में दिल्ली जैसे कूड़े का पहाड़ बनता जा रहा है। क्षेत्रीय पार्षद ने महापौर को चौंकाने वाली जानकारी दी। बताया कि इस कचरे के पहाड़ से उठ रही दुर्गंध करीब पांच किलो मीटर के एरिया को प्रभावित कर रही है। इस पांच किमी की दूरी तक बसे मोहल्लों व गांवों के लोग इस कूड़े के दुर्गंध से परेशान हैं। इस दुर्गंध के कारण इलाके में बीमारियां फैलने की संभावना बढ़ गई है। हालात यही रहे तो कूड़े का यह पहाड़ दिनों दिन ऊंचा होता चला जाएगा। हालात को देखते हुए महापौर का मिजाज गर्म हो गया। प्लांट के जिम्मेदारों को उन्होंने चेतावनी देते हुए कचरा निस्तारण में तेजी जाने के निर्देश दिए।

05 लाख टन कूड़ा बसवार प्लांट में मिला डंप
05 किमी तक कूड़े के पहाड़ से फैल रही दुर्गंध
बसवार में दिल्ली जैसे बना कचरे का पहाड़
400 टन कूड़ा डंपिंग की प्लांट के पास है क्षमता
650 से 700 टन कूड़ा रोज पहुंच रहा है प्लांट
19000 स्क्वायर मीटर में बनाया जा रहा नया विंडो पैड
7600 स्क्वायर मीटर में हो रहा मानसून सेड का निर्माण

बनाया जा रहा नया विण्डो पैड
अफसरों ने बताया कि बसवार कूड़ा निस्तारण प्लांट का नगर निगम के चार जिम्मेदारों द्वारा देख रेख में कराई जा रही है। नगर निगम के पर्यावरण अधिकारी ने बताया कि यहां पर 19000 स्क्वायर मीटर में नए विण्डो पैड का निर्माण कराया जा रहा हे। जबकि 7600 स्क्वायर मीटर में मानसून सेड भी बनाया जा रहा है। निर्माण पूरा होने के बाद कूड़ा डंपिंग की समस्या यहां काफी हद तक कम हो जाएगी। जिस पर कूड़ा निस्तारण का काम नई फर्म इको स्टैंड के जरिए किया जाएगा। इसके बाद कचरा निस्तारण में हो रहे विलंब व आ रही समस्या समापत हो जाएगी।

बंद मिला डीजल बनाने का कार्य
बसवार प्लांट के निरीक्षण में पाया गया कि प्लास्टिक से डीजल बनाने का काम काफी दिनों से बंद है। यह देखते हुए महापौर के जरिए जिम्मेदारों को जमकर फटकार लगाई है। बचाव में अफसरों ने उन्हें बताया कि प्लास्टिक नहीं मिल पाने के कारण डीजल बनाने का काम बंद चल रहा है। खफा हुए महापौर ने कहा कि पूरे प्लांट में अविलंब कीटनाशनक दवाओं का छिड़काव कराया जाय। अधिकारी ऐसा प्लान बनाएं कि छह माह में कूड़े का पूरा पहाड़ खत्म हो जाय। बदतर कंडीशन में हो चुकी हरी भरी कार्यालया एरिया को तत्काल दुरुस्त कराने के भी निर्देश दिए।

क्षेत्र के लोगों द्वारा बराबर समस्या की जानकारी दी जा रही थी। निरीक्षण में प्लांट पर कई तरह की खामियां पाई गई हैं। कूड़े का प्रॉपर निस्तारण नहीं होने से कचरे का ढेर लग गया है। पार्षद के द्वारा कूड़े के इस ढेर से दुर्गंध के कारण पब्लिक की परेशानी बताई गई है। सम्पूर्ण कचरा छह माह में निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं। अमल नहीं हुआ तो शासन को पत्र लिखा जाएगा।
उमेश चंद्र गणेश केसरवानी, महापौर