प्रयागराज ब्यूरो । नशे की लत वैश्विक स्वास्थ्य समस्या बन चुका है। वल्र्ड ड्रग रिपोर्ट 2023 के अनुसार विश्वभर में नशीले पदार्थ का सेवन करने वालों की संख्या 30 करोड़ के आंकड़े को छू चुकी है। पिछले 10 सालों के दौरान इसमें 23 फीसदी इजाफा दर्ज किया गया है। एनडीडीटीसी और एम्स के 2019 सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में तंबाकू के बाद शराब सबसे आम (लत वाला) पदार्थ है। इसके बाद ओपिओइड और कैनबिस हैं। अनुमान है कि भारत में लगभग 7.21 करोड़ लोग नशीली दवाओं से प्रभावित हैं। नशा उपयोग विकार कई कारणों से हो सकता है। इसमें अनुवांशिक, पर्यावरण तनाव, सामाजिक दबाव, पर्सनैलिटी डिस्आर्डर और मनोरोग संबंधित समस्याएं शामिल हैं।
परिवार भी होते हैं प्रभावित
मादक पदार्थों के उपयोग का विकार एक ऐसा मुद्दा है जो देश के सामाजिक ताने-बाने पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। यह बातें मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग में गुरुवार को नशा मुक्ति उपचार केंद्र के इनॉगरेशन के मौके पर वक्ताओं ने कहीं। भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिकता मंत्री डॉक्टर वीरेंद्र कुमार वर्चुअल मोड में प्रोग्राम से कनेक्ट हुए। प्रिंसिपल डॉ एसपी सिंह, डिपार्टमेंट हेड डॉ वीके सिंह, नोडल ऑफिसर डॉ अनुराग वर्मा, एडीएम राजेश सिंह, डॉ अभिनव टंडन, डॉ अभिषेक प्रताप सिंह, डॉ कमलेश सोनकर और कोऑर्डिनेटर सोशल जस्टिस मिनिस्ट्री एंड एंपावरमेंट केंद्र सरकार प्रतिनिधि रिया यादव उपस्थित रहे। वक्ताओं ने कहा कि किसी भी मादक पदार्थ पर निर्भरता न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है बल्कि उनके परिवारों और पूरे समाज को भी प्रभावित करती है। कुछ मादक पदार्थ से मस्तिष्क विकार, हृदय रोग, दुर्घटना और हिंसक प्रवृत्ति हो सकती है।
बीमारी के रूप में देखा जाय
इसलिए, मादक पदार्थ के उपयोग और निर्भरता को एक मनो-सामाजिक चिकित्सीय समस्या के रूप में देखने की आवश्यकता है। इसका इलाज दवाइयों के साथ काउंसलिंग द्वारा किया जाता है। व्यसन को चरित्र दोष के रूप में नहीं बल्कि एक बीमारी के रूप में देखा जाना चाहिये। साथ ही नशीली दवाओं के सेवन से जुड़े कलंक को समाप्त करने की जरूरत है। समाज को यह समझने की भी जरूरत है कि नशा करने वाले अपराधी नहीं बल्कि पीडि़त होते हैं। सभी व्यापार मंडल, सामाजिक संस्थाओं लायंस, रोटरी, इनरव्हील जैसे क्लब व अन्य एजेंसियों के सम्मिलित और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता होगी।