15

सीट जिला पंचायत सदस्य पर पाने का दावा कर रहे भाजपाई

12

सीट पर अपना कब्जा बता रहे बीएसपी के कद्दावर नेता

17

समर्थित सदस्यों के जीत का दावा कर रहे सपाई, इसमें बगैर समर्थन वाले सपाई भी हैं

04

सीट पर अपना दल के समर्थित प्रत्याशियों की बताई जा रही जीत

36

सीटों अन्य प्रत्याशियों की हुई है जीत, सभी की इन पर है नजर

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में निर्णायक भूमिका अदा करेंगे 36 अन्य सदस्य

सभी 84 सीटों पर जीत कर आए जिला पंचायत सदस्यों का प्रमाण पत्र हुआ वितरित

PRAYAGRAJ: जिला पंचायत की सभी 84 सीटों पर जीते हुए सदस्यों को प्रमाण पत्र वितरित किया जा चुका है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा सिंह चुनाव जीत चुकी हैं। ऐसे में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। हालांकि अध्यक्ष पद पर इस बार रेखा सिंह की राह आसान नहीं होगी। क्योंकि सपा व बसपा भी विजेता समर्थित प्रत्याशियों की संख्या को लेकर उत्साहित दिख रही है। रेखा सिंह खुद भाजपा में हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा रेखा सिंह के नाम की घोषणा कर सकती है। उधर, बसपा भी कांटे की टक्कर देने का मूड बना चुकी है। बीएसपी के जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए जीते हुए सदस्यों में कंडीडेट तलाश रही है। सपा खेमें में भी जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर पैंतरेबाजी शुरू हो गई।

सभी पार्टियों के अपने दावे

सत्तासीन पार्टी भाजपाइयों के दावे हैं कि उनके 15 प्रत्याशी जिला पंचायत सदस्य पद पर जीत कर आए हैं। यह वे सदस्य हैं जिन्हें भाजपा ने समर्थन दिया था। इसी तरह बसपा के लोग दावा कर रहे कि उनकी पार्टी के 12 सदस्य चुनाव जीते हैं। समाजवादी पार्टी के लोगों की अपनी अलग ही गणित हैं। वह कहते हैं कि जिला पंचायत सदस्य पद पर सपा के 17 प्रत्याशियों की जीत हुई है। इनमें कुछ ऐसे प्रत्याशी रहे जो सपा में तो हैं, मगर पार्टी चुनाव के लिए उन्हें खुला समर्थन नहीं मिला था। हालांकि जीत के बाद अब सपा इन सपाइयों को भी अपना ही कंडीडेट मान रही है। राजनीतिज्ञों का मानना है कि करीब चार सीटों पर अपना दल के कंडीडेट चुनाव जीते हैं। यदि पार्टियों के ये दावे सच मान लिए जाय तो जिला पंचायत की कुल 84 सीट में 48 पर भाजपा, सपा और बसपा व अपना दल का कब्जा हो चुका है। शेष 36 सीटों पर निर्दल सहित अन्य की जीत हुई है।

गुणा-गणित में निर्दल होंगे अहम

राजनीतिज्ञों का मानना है कि यदि भाजपा अपने 15 प्रत्याशियों के साथ चार अपना दल के भी प्रत्याशियों का समर्थन हासिल करती है तो इनके सदस्यों की संख्या बढ़ कर 19 हो जाएगी। इसके बावजूद जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पाने के लिए भाजपा को 36 अन्य सदस्यों में सेंधमारी करनी ही पड़ेगी। उधर इन्हीं, 36 सदस्यों पर बसपा व सपा भी नजर गड़ाए बैठी हुई है। मतलब यह हुआ कि पार्टी कोई भी हो, जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी पाना किसी के लिए भी आसान नहीं होगी। कहा यह जा रहा कि जीते हुए यही 36 अन्य सदस्यों की लॉबी जिस खेमें में मुड़ेगी। जिला पंचायत अध्यक्ष का ताज उसी के सिर बंधेगा।