खुशखबरी: नीट क्वालीफाई करने वालों को होने लगा कॉलेज एलॉटमेंट, छोटी दिवाली तक 100 ने लिया प्रवेश

एसआरएन हॉस्पिटल में नीट क्वालिफाई करने वालों का लगा जमावड़ा

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एसआरएन हॉस्पिटल में नीट क्वालिफाई करने वालों का लगा जमावड़ा

PRAYAGRAJ: PRAYAGRAJ: कई साल पहले डॉक्टर बनने का सपना देखा था जो अब पूरा होने जा रहा है। इसमें माता-पिता और दोस्तों का भी अहम रोल रहा है। बात हो रही उन स्टूडेंट्स की जिन्होंने हाल ही में नीट क्वालिफाई किया है और शुक्रवार को एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन लिया। उनके लिए यह दीवाली के तोहफे से कम नही था। उनके माता-पिता भी फूले नही समा रहे थे। एसआरएन हॉस्पिटल के टेली मेडिसिन सेंटर में एमएलएन मेडिकल कॉलेज सहित वाराणसी के हेरिटेज कॉलेज और यूनाइटेड कॉलेज के एमबीबीएस कोर्स में भी एडमिशन हुआ।

सौ ने लिया एडमिशन

शुक्रवार को एमबीबीएस में एडमिशन का पहला दिन था। टेलीमेडिसिन सेंटर को एमएलएन मेडिकल कॉलेज सहित हेरिटेज और यूनाइटेड कॉलेज का एडमिशन सेंटर बनाया गया था। दिनभर में कुल सौ सीटों पर दाखिले हुए। इनमें से मेडिकल कॉलेज में ब्म् सीट और यूनाइटेड और हेरिटेज में क्रमश: ख्फ् और फ्क् सीटों पर दाखिला हुआ। इसके बाद दीवाली की छुट्टी कर दी गई है। अब क्7 नवंबर से पुन: एडमिशन प्रॉसेस स्टार्ट किया जाएगा।

घंटों करना पड़ गया इंतजार

कोविड संक्रमण के दौरान एडमिशन आसान नही था।

सेंटर पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने की पूरी कोशिश की गई

प्रवेश के लिए उप्र, बिहार, मप्र आदि से छात्र आए थे। सभी के साथ पेरेंट्स भी मौजूद थे।

उनको एडमिशन के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। इस दौरान उनसे फीस जमा कराई गई।

देर शाम तक चली प्रॉसेस के बाद कैंडीडेट अपने पैरेंट्स के साथ घर को रवाना हुए।

आर्मी मैन का बेटा बनेगा डॉक्टर

लखनऊ से आए गनेश का चेहरे पर मुस्कान बिखरी हुई थी। उन्होंने बताया कि पिता आर्मी में थे और अब रिटायर हो चुके हैं। उन्होंने देश की सेवा की और अब गनेश खुद बेहतर डॉक्टर समाज का भला करना चाहते हैं। परिवार में तीन बहनों में वह अकेले भाई हैं। इसके चलते उनकी जिम्मेदारियां भी अधिक हैं। लेकिन, अब उन्हें अधिक चिंता नही है। उनका डॉक्टर बनने का सपना पूरा होने की पहली सीढ़ी पर चढ़ चुके हैं।

पिता नही पढ़ सके तो बेटे ने पूरा किया सपना

वाराणसी के रहने वाले विशाल ने एमएलएन मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया है। उनका कहना था कि यह उनका नीट में थर्ड अटेंम्प्ट था। उनके पिता रेलवे इलेक्ट्रिक डिपार्टमेंट में हैं। वह अधिक पढ़ना चाहते थे लेकिन दादा के बीमार होने से उनका यह सपना पूरा नही हो सका। अब बेटा विशाल इस सपने को पूरा कर रहा है। वह कहते हैं कि उनके लिए यह दीवाली वाकई स्पेशल है।

घर में बहन है डॉक्टर, पिता नही रहे

कानपुर के गांधी ग्राम से आई शिवांगी के पिता अब इस दुनिया में नही हैं। मां कांशीराम हॉस्पिटल में गायनी विभाग की सुपरिटेंडेंट हैं। उनको देखकर शिवांगी को भी डॉक्टर बनने की प्रेरणा मिली। जिसे उन्होंने पूरा किया है। पहले ही अटेम्प्ट में उनको सफलता मिल गई। घर में एक भाई और है। शिवांगी कहती हैं कि पिता रेलवे इंजीनियर थे। अब वह डॉक्टर बनकर अपनी मां के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मरीजों की सेवा करेंगी।

पिता का कष्ट दूर करेंगे अभिनीत

कानपुर के रहने वाले अभिनीत किशन का सेलेक्शन एमबीबीएस में हुआ है। उनके पिता बार्डर रोड आर्गनाइजेशन में कार्यरत हैं। उनकी इच्छा थी कि बेटा डॉक्टर बने और अभिनीत ने यह सपना पूरा किया। वह बताते हैं कि पिता को पैरों में प्राब्लम रहती है। वह ठीक से चल नही पाते हैं। अब अभिनीत सर्जन बनकर अपने पिता सहित अन्य मरीजों का इलाज करेंगे और उनको कष्ट से मुक्ति दिलाएंगे।

इस खुशी के आगे सभी कष्ट दूर

अयोध्या के रहने वाले ओपी तिवारी एजूकेशन डिपार्टमेंट में डीसी हैं। उनकी बेटी सुकृति तिवारी का एमबीबीएस में चयन हो गया है। शुक्रवार को वह एसआरएन हॉस्पिटल के टेलीमेडिसिन सेंटर पर एडमिशन के लिए पहुंचे थे। कई घंटे तक इंतजार करने के बाद भी प्रॉसेस पूरी नही हो सकी थी। उन्होंने बताया कि परिवार में कोई डॉक्टर नही था। बेटी ने यह सपना पूरा कर दिया। उसके एडमिशन के बाद दीवाली की खुशियां दोगुनी हो जाएंगी।

एमएलएन मेडिकल कॉलेज में तीन मेडिकल कालेज में एडमिशन के लिए प्रक्रिया चल रही है। अब तक सौ सीट पर एडमिशन हुआ है। आगे की प्रक्रिया दिवाली के बाद क्7 नवंबर से शुरू होगी। एमएलएन मेडिकल कॉलेज में कुल सौ सीटों पर एडमिशन किया जाना है।

डॉ। देवाशीष शर्मा

एडमिशन इंचार्ज, एसआरएन हॉस्पिटल