घर फूंक दें तब सुनोगे क्या?

Admission process starts

Allahabad: तुम्हारा घर फूंक देंतब फोन उठाओगेअरे नहीं मैं तोनहीं नहीं क्याकई बार फोन कियाकभी मेरा फोन नहीं उठायाबर्दाश्त नहीं किया जाएगाआग लगा दूंगा। यह नजारा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रवेश भवन का था जहां डायरेक्टर एडमिशन प्रो। बीएन सिंह के कमरे में दोपहर करीब दो बजे एक स्टूडेंट लीडर के कुछ समर्थक पहुंचे और चौतरफा हंगामा बरपाने के बाद उन्हें धमकाने लगे। दहशत में आए रजिस्ट्रार कुछ बोल नहीं पाते और अपनी कुर्सी पर ही ठिठक जाते हैं। इसके बाद स्टूडेंट्स की टोली प्रॉक्टर प्रो। आरके उपाध्याय से मुखातिब होती है। तब तक उक्त स्टूडेंट लीडर सबको धकियाते हुए फोन लेकर आगे बढ़ते हैं। सामने कॉल रिसीव हो जाने पर अपना इंट्रोडक्शन देते हैं और प्राक्टर की तरफ फोन बढ़ाते हुए बताते हैं कि एसएसपी लाइन पर हैं। बात करिए और फोर्स की डिमांड कीजिए.

कट ऑफ को लेकर था विवाद
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के एक आर्डर पर मंडे मार्निंग से ही रिजर्वेशन विरोधियों एवं समर्थकों का दो गुट प्रवेश भवन पर भारी हंगामा काट रहा था। विरोधियों की डिमांड थी कि जनरल और ओबीसी की कट आफ मेरिट में दस फीसदी से ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए। जबकि समर्थकों का कहना था कि एयू में सभी तरह के एडमिशन पुराने पैटर्न पर ही किए जाएं। इसी मुद्दे पर दोनो गुटों दोपहर तक आमने-सामने थे। स्टूडेंट्स एक-दूसरे पर और कुछ टीचर्स पर कोर्ट के आर्डर की गलत तरीके से व्याख्या करने का आरोप लगा रहे थे. 

बचा ले गए टकराव
चूंकि, इस मुद्दे पर पहले भी भारी हंगामा हो चुका है और 4 अगस्त तक एडमिशन प्रासेस रोके जाने के बाद मंडे को दोबारा से एडमिशन के समय हंगामें के आसार थे। ऐसे में प्रवेश भवन पर बड़ी संख्या में फोर्स पहुंची थी। फोर्स की मुस्तैदी के चलते कई बार विरोधियों और समर्थकों में टकराव होते-होते बचा। फोर्स ने बड़ी मुश्किल से एडमिशन के लिए पहुंचे सैकड़ों की संख्या में स्टूडेंट के बीच से हंगामा काटने वालों को बाहर निकाला। इस चक्कर में सुबह नौ बजे से शुरू होने वाला बीकॉम और बीएससी का एडमिशन प्रासेस दोपहर में शुरू ही हुआ था कि एक पक्ष ने पहुंचकर इसे रुकवा दिया। समर्थक इस बात से नाराज थे कि एलएलबी और पीजी की काउंसलिंग 10 अगस्त तक के लिए क्यों पोस्टफोन्ड की गई? आरोप लगा कि स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन में चहेतों को मौका दिए जाने के लिए यह फैसला लिया गया है। डायरेक्टर एडमिशन ने यह आरोप लगाने वालों को यह कहकर मनाने की कोशिश की कि एलएलबी और पीजी के एडमिशन पुनर्विचार के बाद शुरू। जिस भी रुल के तहत एडमिशन होगा। बताया जाएगा. 

इसलिए cancel हुआ admission
एलएलबी व पीजी का एडमिशन  विरोधियों की इस डिमांड पर कैंसिल किया गया कि कोर्ट के आर्डर में कहा गया है कि ग्रेजुएशन के बाद किसी भी कोर्स के एडमिशन में रिजर्वेशन का लाभ न दिया जाए। इसपर एलएलबी और पीजी एडमिशन को पोस्टफोन्ड किया गया। मार्निंग से ही एडमिशन की आस में पहुंचे सैकड़ों नवप्रवेशियों में अधिकतर बवाल की आशंका से भाग खड़े हुए। सबसे ज्यादा दूसरे डिस्ट्रिक से आए स्टूडेंट्स को प्राब्लम फेस करनी पड़ी। ज्यादा नाराजगी स्टूडेंट्स में एलएलबी का एडमिशन कैंसिल होने से भी देखने को मिली. 

B Sc। में नहीं आए top five 
हंगामें का सीधा असर एडमिशन पर पड़ा और पहले दिन बीकाम में 134 एवं बीएससी बायो में 75 एडमिशन ही हो सके। फस्र्ट डे बीकाम में 230 या अधिक नम्बर पाने वाले आल कैंडिडेट्स एवं आल एसटी तथा बीएससी बायो में 128 या अधिक नम्बर पाने वाले आल कैंडिडेट्स को एडमिशन के लिए बुलाया गया था। बीएससी टापर्स में टाप के पांचों स्टूडेंट ने एडमिशन नहीं लिया तो बीकाम में टाप के आठ स्टूडेंट्स ने एडमिशन लेकर एयू एडमिनिस्ट्रेशन को राहत दी. 

आज की कट आफ मेरिट

बीएससी बायो  92 या अधिक  ओबीसी
                72 या अधिक  एससी
                0 या अधिक  एसटी
बीकाम         215 या अधिक  आल कैंडिडेट्स
                0 या अधिक  एसटी

कट ऑफ को लेकर था विवाद

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के एक आर्डर पर मंडे मार्निंग से ही रिजर्वेशन विरोधियों एवं समर्थकों का दो गुट प्रवेश भवन पर भारी हंगामा काट रहा था। विरोधियों की डिमांड थी कि जनरल और ओबीसी की कट आफ मेरिट में दस फीसदी से ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए। जबकि समर्थकों का कहना था कि एयू में सभी तरह के एडमिशन पुराने पैटर्न पर ही किए जाएं। इसी मुद्दे पर दोनो गुटों दोपहर तक आमने-सामने थे। स्टूडेंट्स एक-दूसरे पर और कुछ टीचर्स पर कोर्ट के आर्डर की गलत तरीके से व्याख्या करने का आरोप लगा रहे थे. 

बचा ले गए टकराव

चूंकि, इस मुद्दे पर पहले भी भारी हंगामा हो चुका है और 4 अगस्त तक एडमिशन प्रासेस रोके जाने के बाद मंडे को दोबारा से एडमिशन के समय हंगामें के आसार थे। ऐसे में प्रवेश भवन पर बड़ी संख्या में फोर्स पहुंची थी। फोर्स की मुस्तैदी के चलते कई बार विरोधियों और समर्थकों में टकराव होते-होते बचा। फोर्स ने बड़ी मुश्किल से एडमिशन के लिए पहुंचे सैकड़ों की संख्या में स्टूडेंट के बीच से हंगामा काटने वालों को बाहर निकाला। इस चक्कर में सुबह नौ बजे से शुरू होने वाला बीकॉम और बीएससी का एडमिशन प्रासेस दोपहर में शुरू ही हुआ था कि एक पक्ष ने पहुंचकर इसे रुकवा दिया। समर्थक इस बात से नाराज थे कि एलएलबी और पीजी की काउंसलिंग 10 अगस्त तक के लिए क्यों पोस्टफोन्ड की गई? आरोप लगा कि स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन में चहेतों को मौका दिए जाने के लिए यह फैसला लिया गया है। डायरेक्टर एडमिशन ने यह आरोप लगाने वालों को यह कहकर मनाने की कोशिश की कि एलएलबी और पीजी के एडमिशन पुनर्विचार के बाद शुरू। जिस भी रुल के तहत एडमिशन होगा। बताया जाएगा. 

इसलिए cancel हुआ admission

एलएलबी व पीजी का एडमिशन  विरोधियों की इस डिमांड पर कैंसिल किया गया कि कोर्ट के आर्डर में कहा गया है कि ग्रेजुएशन के बाद किसी भी कोर्स के एडमिशन में रिजर्वेशन का लाभ न दिया जाए। इसपर एलएलबी और पीजी एडमिशन को पोस्टफोन्ड किया गया। मार्निंग से ही एडमिशन की आस में पहुंचे सैकड़ों नवप्रवेशियों में अधिकतर बवाल की आशंका से भाग खड़े हुए। सबसे ज्यादा दूसरे डिस्ट्रिक से आए स्टूडेंट्स को प्राब्लम फेस करनी पड़ी। ज्यादा नाराजगी स्टूडेंट्स में एलएलबी का एडमिशन कैंसिल होने से भी देखने को मिली. 

B Sc। में नहीं आए top five 

हंगामें का सीधा असर एडमिशन पर पड़ा और पहले दिन बीकाम में 134 एवं बीएससी बायो में 75 एडमिशन ही हो सके। फस्र्ट डे बीकाम में 230 या अधिक नम्बर पाने वाले आल कैंडिडेट्स एवं आल एसटी तथा बीएससी बायो में 128 या अधिक नम्बर पाने वाले आल कैंडिडेट्स को एडमिशन के लिए बुलाया गया था। बीएससी टापर्स में टाप के पांचों स्टूडेंट ने एडमिशन नहीं लिया तो बीकाम में टाप के आठ स्टूडेंट्स ने एडमिशन लेकर एयू एडमिनिस्ट्रेशन को राहत दी. 

आज की कट आफ मेरिट

बीएससी बायो  92 या अधिक  ओबीसी

                72 या अधिक  एससी

                0 या अधिक  एसटी

बीकाम         215 या अधिक  आल कैंडिडेट्स

                0 या अधिक  एसटी