- आजमगढ़ में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने जारी किया निर्देश

- 2015 से लेकर 2018 बैच के प्रशिक्षुओं की शैक्षणिक डाक्यूमेंट की होगी जांच

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PRAYAGRAJ: कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में फर्जीवाड़े से नौकरी हासिल करने के खुलासे के बाद अब आजमगढ़ मंडल में फर्जी डॉक्यूमेंट लगाकर डीएलएड करने का मामला सामने आया है। इसको देखते हुए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने सूबे के सभी डायट प्राचार्य को डीएलएड कालेजों में दाखिला लेने वाले प्रशिक्षुओं के मार्कसीट की जांच कराने का निर्देश दिया।

आजमगढ़ मंडल से होगी जांच की शुरुआत

कमिश्नर आजमगढ़ मंडल को फर्जी एजूकेशन डाक्यूमेंट के जरिए डीएलएड में दाखिला लेने वालों की शिकायत हुई थी। जांच में चार ऐसे केस मिले थे। जिसमें प्रशिक्षुओं ने फर्जी डॉक्यूमेंट के जरिए दाखिला लिया था। इस संबंध में कमिश्नर आजमगढ़ के यहां से मिली जांच रिपोर्ट की सूचना के बाद अब

सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी ने सबसे पहले आजमगढ़ मंडल के सभी जिलों में स्थित डीएलएड कालेजों में प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं के डॉक्यूमेंट की जांच कराने का निर्देश दिया है। इसके बाद प्रदेश के दूसरे मंडलों के डीएलएड कालेजों में दाखिला लेने वाले प्रशिक्षुओं के डॉक्यूमेंट की जांच होगी।

दो चरणों में होगी अलग-अलग बैच के प्रशिक्षुओं की जांच

सचिव परीक्षा नियामक की ओर से प्रशिक्षुओं की जांच के लिए अलग-अलग बैच के लिए दो चरण निर्धारित किए गए है।

इसमें पहले चरण में 2015, 2016, 2017 और 2018 बैच के प्रशिक्षुओं की जांच की जाएगी।

इसके बाद 2019 बैंच के प्रशिक्षुओं के डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन की जांच की जायेगी।

प्रयागराज में भी मिल चुके है फर्जी प्रशिक्षु

प्रयागराज में भी तीन वर्ष पूर्व तत्कालीन डायट प्राचार्य देवेन्द्र कुमार सिंह भी शिकायत पर जांच करायी थी। जिसके बाद बड़ी संख्या में डीएलएड में दाखिला लेने वाले प्रशिक्षु फर्जी डॉक्यूमेंट के साथ एडमिशन लेने में पकड़े गए थे। जिसके बाद सिविल लाइंस में एफआईआर भी दर्ज हुई थी।

- 2015 से 2018 बैच के सभी डीएलएड प्रशिक्षुओं के डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन का निर्देश डायट प्राचार्यो को दिया गया है। वह डॉक्यूमेंट का सत्यापन करके उसकी रिपोर्ट परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को सौंपेंगे।

अनिल भूषण चतुर्वेदी

सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी