152

सूबे में बनाये के परीक्षा केंद्र

67005

अभ्यर्थी आयोजित होने वाली परीक्षा में होंगे शामिल

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- 31 जुलाई को लंबे इंतजार और संघर्ष के बाद टीजीटी 2016 जीव विज्ञान की होने जा रही है परीक्षा

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PRAYAGRAJ: सड़क से लेकर कोर्ट तक संघर्ष के बाद आखिरकार हजारों अभ्यर्थियों को छह सालों के इंतजार के बाद राह दिखने लगी है। टीजीटी जीव विज्ञान 2016 के अभ्यर्थियों की परीक्षा 31 जुलाई को होने जा रही है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से परीक्षा के लिए पूरे प्रदेश में कुल 152 सेंटर्स बनाए गए है। जहां कुल 67005 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होंगे। इस परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों ने लंबे समय तक संघर्ष किया। फिर वह चाहे चयन बोर्ड से हो, या फिर कोर्ट में अपना पक्ष रखने तक।

सिटी में 11 सेंटर पर 4581 अभ्यर्थी देंगे परीक्षा

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से आयोजित होने जा रही टीजीटी जीव विज्ञान 2016 की परीक्षा में प्रयागराज में 11 सेंटर बनाए गए हैं। सिटी में इन सेंटर्स पर परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 4581 है। परीक्षा को लेकर सभी दिशा निर्देश भी चयन बोर्ड की ओर से जारी कर दिया गया है। जिससे परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो सके। साथ ही परीक्षा की सुचिता बनाए रखने के लिए भी बोर्ड की ओर से कड़े निर्देश सभी जिलों के डीआईओएस को दिए गए हैं। जिससे नकल को रोका जा सके।

6 सालों से जारी था अभ्यर्थियों का संघर्ष

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से 2016 में विभिन्न विषयों के लिए टीजीटी-पीजीटी के अन्तर्गत विज्ञापन जारी किया गया था। आवेदन के बाद परीक्षा की तैयारियां शुरू हो गई थी। लेकिन इसी बीच सूबे में सत्ता परिवर्तन हो गया। उसके बाद से ही पूरी भर्ती अधर में लटक गई। 2017 में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड खत्म करने की चर्चा शुरू हो गई। इसके बाद चयन बोर्ड को भंग कर दिया गया। हालांकि बाद में सरकार ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का पुनर्गठन किया। इसके बाद चयन बोर्ड के तत्कालीन सचिव ने फरमान जारी करते हुए टीजीटी जीव विज्ञान 2016 के आवेदन को यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि यूपी बोर्ड में अब जीव विज्ञान की अलग से पढ़ाई नहीं होती है। इसलिए जीव विज्ञान के टीचर्स की जरूरत नहीं है। चयन बोर्ड की ओर से आदेश जारी होने के बाद से ही टीजीटी 2016 जीव विज्ञान के अभ्यर्थियों ने संघर्ष शुरू कर दिया।

यूपी बोर्ड ने माना होती है विषय की पढ़ाई

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से जीव विज्ञान के आवेदन को कैंसिल करते हुए जीव विज्ञान विषय को ही समाप्त करने के फरमान के बाद अभ्यर्थियों ने कोर्ट की शरण ली। जिसके बाद कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा। इसके बाद शासन की ओर से यूपी बोर्ड से पूरे प्रकरण पर आख्या मांगी गई। यूपी बोर्ड की तत्कालीन सचिव नीना श्रीवास्तव ने शासन को अवगत कराया कि जीव विज्ञान अलग से विषय भले ही नहीं है। लेकिन उसकी पढ़ाई अभी भी होती है। इसके बाद कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को 2020 में आदेश दिया कि टीजीटी 2016 जीव विज्ञान के अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा कराकर उनका चयन करें। इसके बाद से ही अभ्यर्थी लगातार लिखित परीक्षा की मांग कर रहे थे।

- चयन बोर्ड 2017 से परीक्षा नहीं कराने के मूड में था। लेकिन अभ्यर्थियों के संघर्ष के बदौलत परीक्षा होने जा रही है।

जीतेन्द्र यादव, जीव विज्ञान संघर्ष मोर्चा

- टीजीटी 2016 जीव विज्ञान के अभ्यर्थियों को लंबे संघर्ष और इंतजार के बाद आज ये दिन देखने को मिला है।

विक्की खान, प्रतियोगी मोर्चा