प्रयागराज ब्यूरो भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान का 18वां दीक्षांत समारोह झलवा परिसर में मनाया गया। समारोह के दौरान 615 विद्यार्थियों को डिग्री दी गई और पदक प्रदान किए गए। दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि नैसकॉम के संस्थापक अध्यक्ष ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारे पास प्रौद्योगिकी एक ऐसी शक्ति है जो हमारे देश के सबसे अंधेरे स्थानों को रोशन करने के लिए पर्याप्त है जिससे व्यक्तिगत, सामाजिक, राष्ट्रीय और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि नैसकॉम द्वारा शुरू की गई आईटी/बीपीएम क्रांति ने हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नेतृत्व में एक नई क्रांति के द्वार पर ला खड़ा किया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग में प्रगति और अन्य अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के साथ उनके एकीकरण के साथ अब हम जटिल समस्याओं को पहले से कहीं अधिक तेजी से और अधिक कुशलता से हल कर सकते हैं। उन्होंने छात्रों से आवाहन किया कि आप इन मौजूदा प्रगति और उभरते उपकरणों का लाभ कैसे उठा सकते हैं।
नई दवाओं के डिजाइन में मिलेगी मदद
कहा कि जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पहले से ही सांसारिक कार्यों को स्वचालित करने में मदद कर रहा है। अब से कुछ साल बाद यह हमें सघन रोगों के लिए नई दवाएं डिजाइन करने में मदद करेगा। ठीक उसी तरह जैसे पश्चिमी दुनिया में स्वचालन पर जोर ने 90 के दशक में भारतीय आईटी उद्योग को जन्म देने में मदद की। आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस भी नए जमाने के उद्योगों को सामने लाएगा। भारत हर दिन तेजी से डिजिटल होता जा रहा है। नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भारत की जनसंख्या 144 करोड़ से अधिक है, जिसमें से 136 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड हैं, 65 करोड़ स्मार्टफोन उपयोगकर्ता हैं और 30 करोड़ यूपीआई उपयोगकर्ता हैं। जहां तक डेटा खपत का सवाल है। भारत 2022 में पहले ही अमेरिका और चीन से आगे निकल गया। जोर देते हुए कहा कि अपने नवाचार को भारत की जरूरतों के साथ संरेखित करें और प्रौद्योगिकी को समावेशी विकास के लिए सक्षम बनाएं।

डिजिटल इंडिया के सपने को करें साकार
शिक्षा राज्य मंत्री डॉ। सुभाष सरकार ने अपने रिकॉर्डेड संदेश में डिजिटल इंडिया को साकार करने के लिए आगे आने की अपील की। समारोह के विशिष्ट अतिथि प्रो सुनील एस भागवत, निदेशक, भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, पुणे ने कहा कि आज किसी भी प्रौद्योगिकी वार्तालाप में, डेटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एएल), और मशीन लर्निंग (एमएल) शब्द अभिन्न हो गए हैं जो मानव बुद्धि की नकल करने के साथ-साथ सीखने की क्षमता और लगभग हमारी दुनिया की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए दक्षता में वृद्धि करते हैं।

निरंतर सीखते रहें
ट्रिपल आई टी इलाहाबाद के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ। आनंद देशपांडे ने कहा कि जब ज्ञान आम आदमी को लाभ पहुंचाता है और सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने वाले समाधान प्रदान करता है तो इसे मूल्यवान माना जाता है। संस्थान द्वारा इस आशय की पहल की गयी है जिसके फलस्वरूप कई प्रोजेक्ट छात्रों के ज्ञान को समाधान में बदलने में समर्थ हैं। इस तेजी से बदलती दुनिया में जो लोग सीख सकते हैं और विकसित हो सकते हैं वे सफल होंगे। उन्होंने अपने सन्देश में कहा कि आप निरंतर सीखते रहें।

उद्यमशील विवि बनाने की कोशिश
ट्रिपल आई टी के निदेशक प्रोफेसर मुकुल शरद सुतावाने ने कहा कि हम अगले कुछ वर्षों के भीतर, विविध और जिज्ञासु छात्रों, समर्पित संकाय, कर्मचारियों और पूर्व छात्रों का पूल तैयार हो जाएगा जो इस संस्थान को विश्वस्तरीय स्तरीय उद्यमशील विश्वविद्यालय के रूप में बनाने के लिए सफल होगा।

इन्हें मिला मेडल
शनिवार को 18वें दीक्षांत समारोह में कुल 387 स्नातक छात्रों, 206 स्नातकोत्तर, 1 ड्यूल डिग्री बीटेक और एमटेक, 7 ड्यूल डिग्री एमटेक और पीएचडी और 14 शोध विद्वानों को पीएचडी से अलंकृत किया गया। इस बार कुल 130 लड़कियों को डिग्री मिली।

विशेष मित्तल (ढ्ढश्वष्ट2019057) को उनके समग्र शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए वर्ष-2023 के लिए चेयरमैन के स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।

बीटेक (आईटी) के लिए संस्थान का स्वर्ण पदक प्रिंस कुमार को, रजत पदक आदित्य अग्रवाल को और कांस्य पदक दिव्य अग्रवाल को दिया गया। विशेष मित्तल को ईसीई स्वर्ण, मोहित गर्ग को रजत और चैतन्य जोशी को कांस्य पदक मिला।

एमबीए में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए बोनी थॉमस के को स्वर्ण, मेघल सेठी को रजत और आयशा शमीम को कांस्य पदक से सम्मानित किया गया।

एमटेक (आईटी) में शीर्ष स्थान हासिल करने पर आकांक्षा लाल को स्वर्ण पदक, रिया कलारा को रजत और नेहा विश्वनाथ सरनाईक को कांस्य पदक मिला। एमटेक (ईसीई) में पवन साहू को स्वर्ण, मनोज कुमार सिंह को रजत और आयुषी बंसल को कांस्य पदक दिया गया।