प्रयागराज ब्यूरो । एयू के भौतिक विज्ञान विभाग के शोधार्थी अजीत कुमार मद्धेशिया को इंडो-फ्रेंच कार्यक्रम के तहत रमन-चारपाक फेलोशिप के लिए चयनित किया गया है। वह फ्र ांस के जार्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में नोबेल त्रिधात्विक नैनो पार्टिकल के एकौस्टीकल माइक्रोस्कोपी और औद्योगिक अनुप्रयोग पर शोध करेंगे। अजीत कुमार मद्धेशिया एयू के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो फूल सिंह यादव और पूर्वांचल विवि के पूर्व कुलपति प्रो राजाराम यादव के मार्गदर्शन में शोध कार्य कर रहे हैं। उन्होंने एयू से बीएससी, एमएससी (भौतिकी) तथा फ्रेंच
लैंग्वेज में डिप्लोमा किया है एवं वर्तमान में पीएचडी (भौतिकी) कर रहे हैं। अजीत सर सुन्दर लाल छात्रावास के पूराछात्र है और वर्तमान में अमर नाथ झा छात्रावास के अन्त:वासी है।

2013 में शुरू हुई फेलोशिप की शुरुआत
रमन-चारपाक फेलोशिप कार्यक्रम भौतिकी में दो नोबेल पुरस्कार विजेताओं, प्रो सीवी रमन, भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता (1930) और प्रो। जॉर्जेस चारपाक, फ्र ांसीसी नोबेल पुरस्कार विजेता (1992) के सम्मान में दी जाती है। इस फेलोशिप की शुरुआत फरवरी, 2013 में फ्र ांस के राष्ट्रपति की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य विज्ञान में भविष्य की गतिविधियों के दायरे और गहराई को व्यापक बनाने के लिए दोनों देशों के बीच डॉक्टरेट छात्रों के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना है। तब से यह फेलोशिप एयू के किसी छात्र को पहली बार मिली है। इस वर्ष यह फेलोशिप पूरे देश से भौतिक विज्ञान वर्ग में केवल तीन शोधार्थियों को ही दी गयी है और अजीत मद्धेशिया उनमे से एक है।

क्या है उद्देश्य?
इंडो फ्रेंच सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ एडवांस्ड रिसर्च द्वारा कार्यान्वित इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय और फ्र ांसीसी छात्रों को क्रमश: फ्रांस या भारत में स्थित किसी विश्वविद्यालय/अनुसंधान एवं विकास संस्थान में अपने शोध कार्य का एक हिस्सा पूरा करने का अवसर प्रदान करके उनके डॉक्टरेट कौशल में सुधार करना है। इस फेलोशिप के तहत छात्र को दैनिक खर्च, स्थानीय यात्रा, आवास शुल्क और सामाजिक सुरक्षा शुल्क के लिए प्रति माह 1500 यूरो की फ़ेलोशिप सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त इकोनॉमी क्लास में आने जाने का किराया, यात्रा और स्वास्थ्य सम्बन्धी बीमा कवरेज एवं फ्र ांस प्रवास के दौरान सम्मेलन/सेमिनार/कार्यशाला में भाग लेने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह कार्यक्रम अब फ्र ंच मास्टर छात्रों के लिए भी खुला है, जो अपने पाठ्यक्रम के अनुसार भारत में कुछ समय बिताना चाहते हैं। इसका उद्देश्य फ्र ांसीसी छात्रों को भारत स्थित विश्वविद्यालय/अनुसंधान संस्थान में इंटर्नशिप कार्य करने का अवसर प्रदान करके उनके परास्नातक कौशल में सुधार करना है। बता दें विगत वर्ष ही भौतिक विज्ञान विभाग के इसी लैब से डा नवनीत यादव को रॉयल सोसाइटी, लंदन की अतिप्रतिष्ठित न्यूटन इंटरनेशनल फेलोशिप मिली थी। उन्होंने भी प्रो राजा राम यादव के ही मार्गदर्शन में शोध कार्य पूर्ण किया था एवं वर्तमान में ब्रिटेन की स्वानसी विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।