प्रयागराज (ब्‍यूरो)। गोविंदपुर में पीडीए के द्वारा बनाए गए अलकनंदा अपार्टमेंट प्रकरण में सोमवार को एक नया मोड़ सामने आया। मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष के द्वारा मामले की सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान पीडीए अफसर व अलकनंदा अपार्टमेंट आवंटी संघर्ष समिति के सदस्य व पदाधिकारी और अधिवक्ता भी मौजूद रहे। पैसा जमा करने के बाद वर्षों से फ्लैट के रजिस्ट्री नहीं करने के मामले पर सुनवाई हुई। इस दौरान अध्यक्ष के जरिए पीडीए के मौजूद अफसरों को फटकार भी लगाई गई। इस पर पीडीए के द्वारा रखे गए पक्ष पर संघर्ष समिति के अधिवक्ता द्वारा गंभीर सवाल उठाए गए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद मानवाधिकार अध्यक्ष द्वारा 12 मार्च 2024 तक रजिस्ट्री के लिए तीस और लोगों की लिस्ट जारी करने के निर्देश पीडीए को दिए हैं। अब इस पर पीडीए कितना अमल करेगा? इस निर्देश पर कितना अमल होगा अब यह बात आने वाला वक्त ही बताएगा।

140 फ्लैट हैं गोविंदपुर अलकनंदा अपार्टमेंट में
4866.69 लाख रुपये के बजट से तैयार हुई बिल्डिंग
2016 में अपार्टमेंट का निर्माण पुराने का था लक्ष्य
2014 में पीडीए ने शुरू कराया था निर्माण कार्य
02 रजिस्ट्री मात्र अब तक कर सका है पीडीए
12 मार्च 2024 को अब होगी अगली सुनवाई

दोनों पक्षों के जरिए रखी गई बात
सफाई देते हुए मौजूद पीडीए के अफसरों की ओर से मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष को बताया गया कि तीस लोगों को रजिस्ट्री नोटिस भेजी जा चुकी है। चूंकि साढ़े तीन वर्ग मीटर एरिया बढ़ इस लिए देय अंतर धनराशि अवशेष रजिस्ट्री पूर्व जमा करना होगा। विभाग द्वारा इस दौरान यह नहीं बताया गया कि मांगा जाने वाला दस प्रतिशत देय किस मद का है। ऐसी स्थिति में अध्यक्ष ने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि अगली डेट 12 मार्च को पीडीए इस डिटेल के साथ मौजूद हो कि मांगा जा रहा देय अंतर धनराशि अवशेष किन-किन मदों का है। मानवाधिकार आयोग ने यह भी कहा कि अगली डेट पर सुनवाई तक तीस और लोगों की लिस्ट रजिस्ट्री के लिए जारी किया जाय। इस बीच अलकनंदा अपार्टमेंट आवंटी संघर्ष समिति के सदस्यों व पदाधिकारियों का पता यह चला कि पीडीए अपार्टमेंट में एक और रजिस्ट्री किया है। यह रजिस्ट्री अपार्टमेंट के बी-टू ब्लाक में कन्हैया लाल के नाम से की गई। इस पर संघर्ष समिति के अधिवक्ता द्वारा पीडीए की मंशा पर सवाल उठाया गया। अधिवक्ता ने कहा कि अब तक इस अपार्टमेंट में दो लोगों की रजिस्ट्री हुई है। फिर शेष अन्य लोगों के फ्लैट की रजिस्ट्री का नहीं किया जाना विभाग की मंशा पर सवाल खड़ा करती है।

फिर ब्याज का पैसा पीडीए करे मर्ज
मानवाधिकार आयोग के सामने पीडीए ने कहा कि बढ़े हुए एरिया का देय अंतर धनराशि अवशेष रजिस्ट्री के पूर्व जमा नहीं कराया जाना चाहिए। क्योंकि फ्लैट के लिए लोग वर्षों पूर्व विभाग में लाखों रुपये जमा कर चुके हैं। अब तक उन लोगों को रजिस्ट्री मिली नहीं। जबकि 2016 तक रजिस्ट्री फाइलन करने का दावा किया गया था। ऐसी स्थिति में इन वर्षों में जमा किए गए लाखों रुपये के ब्याज का पैसा पीडीए जा मांग रहा है देय अंतर धनराशि अवशेष राशि में मर्ज करे। चूंकि यह मामला रेरा में जाने के बाद कई लोगों को पीडीए काफी पैसा वापस भी किया है। जब कई लोगों के ब्याज का पैसा वापस किया गया तो शेष लोगों का पैसा मर्ज करके जो बचे उसे उन लोगों को पीडीए वापस करे।

मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष के द्वारा अलकनंदा अपार्टमेंट मामले की सुनवाई हुई। पीडीए के द्वारा तीस लोगों को रजिस्ट्री नोटिस दिए जाने की बात कही गई। आयोग अध्यक्ष ने अगली डेट तक तीस और लोगों की लिस्ट रजिस्ट्री के लिए जारी करने के निर्देश दिए हैं। जिस साढ़े तीन वर्ग मीटर एरिया के बढऩे की बात कही जा रही है वह सरासर गलत है।
प्रभात कुमार मिश्र, अधिवक्ता अलकनंदा अपार्टमेंट आवंटी संघर्ष समिति