पुलिस की रिपोर्ट पर प्रशासन ने की कार्रवाई

सरगना केएल पटेल ने लगवाई थी नौकरी

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सहायक शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा में शामिल एक और लेखपाल पर गाज गिर गई है। पुलिस की रिपोर्ट मिलने के बाद गुरुवार को कोरांव में तैनात लेखपाल संतोष बिंद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जार्जटाउन थाना क्षेत्र के तुलारामबाग में रहने वाला संतोष लॉकाडाउन के दौरान सदर तहसील में संबंद्ध था। एसडीएम कोरांव संदीप कुमार वर्मा का कहना है कि पुलिस की रिपोर्ट मिलने पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। बुधवार को प्रतापगढ़ में तैनात लेखपाल राम अनुराग वर्मा को भी इसी मामले में सस्पेंड किया गया था।

केएल पटेल ने ही दिलवाई थी नौकरी

इससे पहले पुलिस को पूछताछ में पता चला था कि 2016 में गिरोह के सरगना केएल पटेल ने ही संतोष को लेखपाल पद पर नौकरी दिलवाई थी। लेखपाल बनने से पहले संतोष ने प्रयागराज के एक पॉलीटेक्निक कॉलेज से डिप्लोमा किया था। नौकरी की तलाश में वह दुबई चला गया था। वहां से आने के बाद लेक्चर बनने की तैयारी शुरू और साक्षात्कार भी दिया, लेकिन नियुक्ति नहीं हो पाई थी। इसी बीच वह केएल पटेल के संपर्क में आया तो दोस्ती हो गई। तब बिना पैसा लिए ही सरगना ने लेखपाल की नौकरी लगवाई। कहा जा रहा है कि फर्जीवाड़ा करने के दौरान ही केएल पटेल व संतोष के बीच विवाद हो गया। इस पर संतोष गिरोह के दूसरे सदस्य संदीप पटेल के साथ जुड़ गया। फिलहाल सहायक शिक्षक भर्ती का भंडाफोड़ होने पर पुलिस ने केएल पटेल के साथ लेखपाल समेत अब तक 12 लोगों को जेल भेज चुकी है।

तीन गुट, लेकिन कनेक्शन एक

पुलिस का दावा है कि सहायक शिक्षक भर्ती व दूसरी परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करने वालों का तीन गुट है, लेकिन कनेक्शन एक है। पहला गुट केएल पटेल का, जबकि दूसरा गुट संदीप पटेल और तीसरा मायापति दुबे का है। मगर सभी एक दूसरे से जुड़े हैं और तीनों का सरगना पूर्व जिपं सदस्य केएल पटेल ही है। पुलिस का कहना है कि संतोष बिंद को पैरालाइसिस अटैक भी आया था।

पूछताछ में सरगना केएल पटेल ने बताया था कि दोस्ती में ही उसने संतोष बिंद को लेखपाल की नौकरी दिलवाई थी। संतोष ने भी इस बात को स्वीकार किया है, लेखपाल के लिए उसने कोई पैसा नहीं दिया था।

- केवी अशोक, एएसपी