-यूनिवर्सिटी में बदली क्लासेस के संचालन की व्यवस्था, अब हफ्ते के छह दिन चलेंगी क्लासेज

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PRAYAGRAJ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में एक दिन के वीसी प्रो। पीके साहू बुधवार को एक्शन मोड में नजर आए। सुबह ऑफिस पहुंचते ही उन्होंने मीटिंग्स और डिसीजंस का जो सिलसिला शुरू किया, उससे कई लोग हैरान भी रह गए। एक दिन में ही वीसी के तमाम डिसीजंस को देख कई लोगों को नायक फिल्म के अनिल कपूर भी याद आ गए। वीसी ने नए बदलाव की इबारत लिखते हुए सप्ताह में छह दिन क्लास चलाने का सिस्टम लागू करने का आदेश दिया।

डिसीजन-1: टीचर बताकर जाएं छुट्टी के दौरान कौन लेगा क्लास

एक दिन के कुलपति प्रो। पीके साहू ने यूनिवर्सिटी में एजूकेशन व्यवस्था सही ढंग से संचालित करने पर सबसे अधिक फोकस किया। उन्होंने निर्देश दिया कि यदि कोई भी शिक्षक अवकाश पर जाएगा तो उसे पूर्व में सूचना देनी होगी। इसके अलावा शिक्षक को यह भी बताना होगा कि उनकी गैर हाजरी में उनके क्लासेस कौन से टीचर्स लेंगे। जिससे क्लासेस प्रभावित ना हो सके।

डिसीजन 2: हर महीने रिसर्च कमेटी की मीटिंग

वीसी प्रो। साहू ने दूसरा डिसीजन रिसर्च से जुड़ा लिया। इसके मुताबिक अब रिसर्च डिग्री कमेटी की बैठक प्रतिमाह होगी। शुक्रवार को कमेटी की पहली बैठक बुलाई गई है। अब तक बैठक में देरी होने से छात्र-छात्राओं के प्रगति संबंधी कार्य ठप पड़े थे। ऐसे में दो माह से फाइलें लंबित पड़ी थीं।

डिग्री-3: पीएचडी एग्जाम के लिए परीक्षक की नियुक्ति

वीसी प्रो। पीके साहू ने अपने एक दिन के कार्यकाल के दौरान कुलपति के विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए पीएचडी एग्जाम के लिए तत्काल परीक्षक नियुक्त किया। जबकि अभी तक यूनिवर्सिटी में परीक्षक की नियुक्ति एकेडमिक काउंसिल द्वारा की जाती थी।

आटा अध्यक्ष से मुलाकात की

प्रो। पीके साहू ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के टीचर्स के संघटन आटा के अध्यक्ष प्रो। राम सेवक दुबे से मुलाकात की। आटा अध्यक्ष से हुई पूछताछ को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने बताया कि टीचर्स की प्रोन्नति के संदर्भ में लंबित प्रकरण का निपटरा जल्द करने की बात पर चर्चा हुई। इसके लिए सेलेक्शन कमेटी का गठन करने के साथ ही कमेटी यूजीसी के नियमों का पारदर्शिता के साथ प्रकरणों को निपटाए। इसको लेकर विशेष रूप से निर्देशित किया गया।

डिसीजन-4: वेबसाइट पर दिखेगी सीनियॉरिटी लिस्ट

इविवि में नए एक्टिंग वीसी ने सीनियॉरिटी लिस्ट को लेकर होने वाले विवाद को अहम कदम उठाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अन्य यूनिवर्सिटी की तरह ही इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में भी यह लिस्ट पब्लिक डोमेन में रहेगी। निर्देश दिया कि सीनियॉरिटी लिस्ट तैयार करके उसे यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर अपलोड किया जाए। इतना ही नहीं, समय-समय पर उसे अपडेट भी किया जाए। साथ ही अन्य यूनिवर्सिटी से आने वाले टीचर्स को सेवा में उनकी पुरानी सेवा भी जोड़ने का निर्णय लिया गया। जिससे उनकी वरिष्ठता सूची पुरानी सेवा जोड़कर तैयार हो और उनकी वरिष्ठता पर कोई विवाद न हो।