-दंपति ने इंश्योरेंस कंपनी पर लगाया धोखाधड़ी का आरोप

-पॉलिसी अप्रूव करने के बाद कंपनी ने पॉलिसी को किया डिक्लाइन

PRAYAGRAJ: लोग मेडिकल इंश्योरेंस इसलिए कराते हैं ताकि इमरजेंसी में वह बेहतर इलाज करा सकें। लेकिन अगर इंश्योरेंस कंपनी क्लेम एक्सेप्ट करने से ही मना कर दे तो क्या होगा? कुछ ऐसा ही झटका राजकुमार मिश्रा और उनकी पत्नी मुक्ता मिश्रा को लगा है। उन्होंने इंश्योरेंस कंपनी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया। उनका कहना था कि कैंसर पीडि़त पत्नी के इलाज के लिए इंश्योरेंस क्लेम अप्रूव करने के बाद कंपनी ने पॉलिसी को डिक्लाइन कर दिया।

बैंक के थ्रू ली थी पॉलिसी

राजकुमार मिश्रा मुंबई में कस्टम क्लीयरेंस का काम करते हैं। यूनियन बैंक में उनका खाता है। वह बताते हैं कि लास्ट ईयर 11 सितंबर को उनको बैंक के थ्रू रेलिकेयर की ओर से केयर हेल्थ इंश्योरेंस ऑफर किया गया था। यह नॉन मेडिकल पॉलिसी थी और इसका वन टाइम पांच सौ रुपए प्रीमियम था। इसमें कैंसर पेशेंट के इलाज की फैसिलिटी दी गई थी। इत्तेफाक देखिए कि 3 जनवरी 2020 को उनकी पत्नी मुक्ता मिश्रा को कैंसर डायग्नोस हो गया। क्लेम के लिए उन्होंने रेलिकेयर में अप्लीकेशन डाली थी।

धोखे से हिल गई दंपति

दंपति का कहना है कि मुंबई के नानावती हॉस्पिटल में मुक्ता की चार कीमोथेरेपी कराई गई। यहां पर उनकी एक सर्जरी भी हुई है। इसके बाद कोरोना अधिक फैलने की वजह से हॉस्पिटल ने कैंसर का इलाज बंद कर दिया। ऐसे में राजकुमार अपने रिलेटिव के घर ममफोर्डगंज में आकर रहने लगे। उन्होंने अगली दो कीमोथेरेपी बनारस के टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल में कराई है। अब पांच अक्टूबर को उनको सर्जरी की डेट मिली है। अब तक बारह लाख खर्च करने के बाद उन्होंने इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम मांगा तो उसे ओके कर दिया गया। फिर अचानक पॉलिसी को डिक्लाइन कर कंपनी ने पैसे देने से इंकार कर दिए। इससे हैरान दंपति शुक्रवार को सिविल लाइंस स्थित इंश्योरेंस कंपनी के ऑफिस के पास सड़क किनारे धरने पर बैठ गए।

कुछ हुआ तो जिम्मेदार होगी कंपनी

राजकुमार मिश्रा का कहना है कि उन्होंने इलाहाबाद विवि से लॉ की डिग्री हासिल की है। वह अपने हक की लड़ाई लड़ना जानते हैं। अगर इंश्योरेंस कंपनी के धोखे की वजह से उनकी पत्नी का इलाज नहीं हुआ या उनके साथ कोई अनहोनी हुई तो इसकी जिम्मेदार कंपनी की होगी। उन्होंने कहा कि क्लेम नहीं मिला तो कंपनी के गेट पर वह ताला लगवाकर रहेंगे। उनका कहना था कि जरूरत पड़ी तो पुलिस थाने में भी कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाएंगे।