बेली हॉस्पिटल में फिजीशियन और एनेस्थीसिया के डॉक्टर्स की कमी

शासन से की गई मांग, मॉडरेट मरीजों के लिए जरूरी है स्पेसिफिक ट्रीटमेंट

PRAYAGRAJ: जिले का एकमात्र सरकारी एल टू कोविड हॉस्पिटल इस समय स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की कमी से जूझ रहा है। यहां पर मध्यम लक्षण वाले कोविड मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। स्पेशलिस्ट्स के न होने से मजबूरी में इनका इलाज आई सर्जन, ईएनटी, पैथोलॉजिस्ट्स और रेडियोलॉजिस्ट्स को करना पड़ रहा है। जबकि इन मरीजों के इलाज में फिजीशियन और एनेस्थीसिया के डॉक्टर्स की जरूरत होती है।

मॉनीटरिंग की लगातार होती है जरूरत

बता दें कि एल टू में भर्ती होने वाले मरीजों में सीवियर से एक पायदान नीचे वाले लक्षण होते हैं। ऑक्सीजन पर आ चुके मरीजों को यहां भर्ती किया जाता है। ऐसे में उनकी मानीटरिंग भी जरूरी होती है। इसके लिए फिजीशियन और एनेस्थीसिया के डॉक्टर्स की जरूरत होती है। लेकिन वर्तमान में बेली हॉस्पिटल में स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स गिनती के ही हैं। यही वजह है कि बाकी विधाओं के डॉक्टर्स को भी इलाज में लगाया जा रहा है।

हटा लिए गए हल्के लक्षण वाले मरीज

प्रशासन भी नहीं चाहता था कि एल टू श्रेणी के हॉस्पिटल में हल्के लक्षण वाले मरीजों को भर्ती किया जाए। इसीलिए शहर में कोटवा के अलावा यूनानी, रेलवे और कालिंदीपुरम हॉस्पिटल को चालू किया गया है। वहीं बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में भेजा जा रहा है। ऐसे में बेली हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों का भार कम किया जा रहा है। पिछले तीन दिन में यहां भर्ती मरीजों की संख्या 120 से घटकर 45 पर आ गई है। अब यहां पर केवल मध्यम लक्षण वाले मरीजों को ही भर्ती किया जाएगा। जिनकी केयर करनी होती है। इतना ही नहीं, अभी तक मॉडरेट मरीजों को एसआरएन रेफर किया जा रहा था लेकिन अब केवल सीवियर मरीजों को ही एसआरएन भेजा जाएगा।

तीन राउंड में लग जाएंगे पूरे डॉक्टर्स

बेली हॉस्पिटल में कुल डॉक्टर्स की संख्या 35 है। इनमें से 12 डॉक्टर्स पहले राउंड में लगाए गए थे। दूसरे राउंड में 14 डॉक्टर्स तैनात किए गए हैं। बाकी डॉक्टर्स को तीसरे राउंड में तैनात किया जाएगा। यह व्यवस्था में रोटेशन में जारी रहेगी। लेकिन फिजीशियन की कमी पूरा करने के लिए हॉस्पिटल प्रशासन ने शासन को पत्र लिखकर तीन फिजीशियन और तीन एनेस्थेलॉजिस्ट्स की मांग की है। जिससे मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराया जा सके।

120 बेड पर ऑक्सीजन उपलब्ध

बेली में कोविड के लिए कुल 180 बेड उपलब्ध कराए गए हैं। इनमें से सौ बेड पर सिलेंडर ऑक्सीजन की सुविधा मौजूद है। जबकि बीस बेड पर सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन दी जा रही है। इस तरह से 120 बेड पर मॉडरेट पेशेंट्स को भर्ती किया जा सकता है। बता दें कि ऑक्सीजन पर गए मरीजों की बार-बार देखरेख करनी होती है। उनका ऑक्सीजन का फ्लो बार बार सेट करना होता है।

हमारे पास पर्याप्त संख्या में फिजीशियन नहीं होने से कोविड के मरीजों की प्रॉपर देखभाल में दिक्कत आ सकती है। फिलहाल सभी विधाओं के डॉक्टर्स को इलाज में लगाया गया है। शासन ने फिजीशियन और एनेस्थीसिया के डॉक्टर्स की मांग की गई है।

-डॉ। एमके अखौरी, अधीक्षक, बेली हॉस्पिटल