फैक्ट फाइल

2477 प्राथमिक स्तर स्कूलों में हुई परीक्षा

1001 उच्च प्राथमिक स्तर के स्कूलों में हुई परीक्षा

20 कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूलों में भी हुई परीक्षा

1.60 लाख स्टूडेंट्स ने परीक्षा में किया था प्रतिभाग

50 कुल सवाल पूछे गए थे सभी विषयों से

10 सवाल प्रत्येक विषय से पूछे गए थे

21 नोडल अधिकारी परीक्षा की निगरानी के लिए बनाए गए थे

16 सचल दल की टीमों को हुआ था गठन

- डिस्ट्रिक्ट के सभी परिषदीय स्कूलों में आयोजित हुई लर्निग आउट कम परीक्षा

- ओएमआर में पहली बार परिषदीय स्कूलों के स्टूडेंट्स ने दी परीक्षा

prayagraj@inext.co.in

PRAYAGRAJ: आमतौर पर बच्चे एग्जाम्स के नाम से घबराते हैं। लेकिन शुक्रवार को हुए परिषदीय स्कूलों में हुए लर्निग आउटकम एग्जाम में नजारा थोड़ा अलग था। पहली बार ओएमआर शीट पर एग्जाम देने का उत्साह स्टूडेंट्स में साफ नजर आ रहा था। इसमें कक्षा चार से 8वीं तक के स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया। बच्चों को क्लास रूम में टीचर्स ने ओएमआर भरने का तरीका बताया। इसके बाद बच्चों का पूरा ध्यान क्वेश्चन पेपर और ओएमआर पर ही टिका था।

सभी विषयों से पूछे गए 10-10 सवाल

लर्निग आउटकम एग्जाम के क्वेश्चन पेपर में सभी सब्जेक्ट्स से करीब 10-10 सवाल पूछे गए थे। इसमें हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक अध्ययन के विषय शामिल रहे। बहुविकल्पीय आधार पर पूछे गए प्रश्नों को भी लेकर बच्चे काफी खुश नजर आए। इस दौरान हिंदी से अलंकार और विलोम से जुड़े सवाल पूछे गए। इसमें चारू चंद की चंचल किरणों में कौन सा अलंकार है? सुरक्षित का विलोम क्या होता है जैसे सवाल थे। मैथ्स और इंग्लिश से जुड़े फिल इन द ब्लैंक्स भी पूछे गए।

सचल दल ने किया निरीक्षण

परीक्षा के दौरान नोडल टीमों और सचल दल की टीमें लगातार स्कूलों का निरीक्षण करती रही। वहीं परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए सर्व शिक्षा अभियान में कंट्रोल रूम बनाया गया था। जिससे किसी भी प्रकार की प्रॉब्लम न हो। इसके साथ ही पेपर ओपन करने से लेकर परीक्षा के समापन तक वीडियो रिकॉर्डिग तक कराई गई।