-हाईकोर्ट और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के वकीलों ने अपनी मांगों को लेकर उठाया कदम

PRAYAGRAJ: उप्र बार काउंसिल के प्रस्ताव पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के अधिवक्ता शुक्रवार को न्यायिक कार्य से विरत रहे। इस दौरान बार काउंसिल चेयरमैन हरिशंकर सिंह के नेतृत्व में अधिवक्ता जुलूस की शक्ल में हाईकोर्ट के गेट नंबर तीन पर पहुंचे। जहां कार्यकारिणी ने उनका स्वागत किया। सभा में तीस हजारी कोर्ट में हुई घटना को लेकर पुलिस को जिम्मेदार ठहराया गया। इस दौरान बार काउंसिल ने सात सूत्रीय मांगों का समर्थन भी किया। मौके पर अध्यक्ष राकेश पांडेय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिलश्ेा कुमार मिश्र गांधी, वीरेंद्र नाथ उपाध्याय, श्रीकांत केसरवानी, अजीत यादव, सौरभ तिवारी, विजय सिंह सेंगर आदि पदाधिकारी उपस्थित रहे। इस दौरान मांग उठाई गई कि

1. तीस हजारी कोर्ट में घायल अधिवक्ताओं को दस लाख रुपए का मुआवजा देकर दोषी कर्मियों के खिलाफ जांच कर दंडित किया जाए।

-प्रदेश में जिन अधिवक्ताओं की हत्या हुई है उनके हत्यारों को गिरफ्तार कर दंडित किया जाए और मृतकों के परिजनों को 20 लाख की आर्थिक सहायता दी जाए।

-उप्र अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति के मृतक अधिवक्ताओं के वर्षो से लंबित दावों का निस्तारण किया जाए और नए अधिवक्ताओं को प्रोत्साहन भत्ता दिया जाए।

- अधिवक्ता भविष्य निधि की राशि को तत्काल प्रभाव से 1.25 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जाए।

- कोई भी पुलिस अधिकारी या सिपाही न्यायालय में असलहा लेकर नही आए।

-अधिवक्ताओं की जान माल की सरक्षा के लिए कड़े इंतजाम कर न्यायिक सुरक्षा बल का गठन किया जाए।

-अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम शीघ्र पारित किया जाए।

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यहां भी अधिवक्ता एकता ने दिखाई ताकत

बार कौंसिल आफ उत्तर प्रदेश के आह्वान पर जिला न्यायालय के अधिवक्ता शुक्रवार को न्यायिक कार्य से विरत रहे। इससे वादकारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष हरिसागर मिश्र अध्यक्षता में मीटिंग की गई। संचालन देवेंद्र नाथ मिश्र लारा ने किया। इस दौरान दिल्ली की पुलिस द्वारा कोर्ट में वकीलों पर लाठी चार्ज घायल किए जाने के मसले की निंदा की गई। एक स्वर में सभी ने दोषी पुलिस कर्मियों को दंडित किए जाने की मांग की गई। साथ ही न्यायिक कार्य ठप करते हुए हड़ताल की घोषणा की गई। जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष हरि सागर मिश्र, जितेंद्र सिंह जीतू, अखिलेश चंद्र शुक्ला, देवेंद्र नाथ मिश्र लाला, अली अहमद, विजय सिंह गौर, देवेश शुक्ला, कुश पांडेय, विद्याभूषण द्विवेदी, विकास गुप्ता आदि ने मुख्य मंत्री को सम्बोधित सात सूत्रीय ज्ञापन डीएम को सौंपा। ज्ञापन के जरिए दिल्ली में कचहरी के अंदर हुई घटना में शामिल पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई, घायल अधिवक्ताओं को दस लाख रुपये की क्षतिपूर्ति व घटना की तीन माह में जांच पूरा कराए जाने की मांग की गई। साथ ही प्रदेश में जिस भी अधिवक्ता की हत्या हुई है उसके परिजनों को बीस बीस लाख रुपये दिए जाने की मांग की गई है।