शराब की दुकानें हटाने का आदेश, सिक्योरिटी वापसी पर विचार का निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नगर पंचायत गोबर्धन, मथुरा को तीर्थ स्थल घोषित किए जाने के बाद बियर की दुकान की लाइसेन्स फीस की वापसी की मांग में दाखिल याचिका निस्तारित कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि आबकारी विभाग याची के प्रत्यावेदन को नियमानुसार निर्णीत करे।

तत्काल बंद करें दुकानें

यह आदेश जस्टिस एसके गुप्ता तथा अजित कुमार की खण्डपीठ ने मथुरा के ऊधम सिंह की याचिका पर दिया है। याचिका पर राज्य सरकार के अधिवक्ता निमाई दास ने पक्ष रखा। इनका कहना था कि आबकारी विभाग के निर्देश पर डीएम ने मथुरा को तीर्थ स्थल घोषित कर आबकारी विभाग के लाइलेन्स से चल रही शराब की दुकानों को नगर पंचायत सीमा से बाहर करने का आदेश दिया है और कहा है कि दुकानों का संचालन तत्काल बन्द किया जाय। याचिका में जमा सिक्योरिटी वापस करने की मांग की गयी थी।

बिना अनुमति कैसे मिलने दिया गया लड़कियों से

देवरिया सेल्टर होम मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने चेम्बर में की। मंगलवार 21 अगस्त को भी सुनवाई जारी रहेगी। कोर्ट ने इलाहाबाद के डीएम व एसएसपी की मौजूदगी में इस बात पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि देवरिया कांड की चार लड़कियों से बिना पहचान पत्र व अनुमति के लोगों को क्यों मिलने दिया गया। कोर्ट ने जिला प्रोबेशन अधिकारी से सेल्टर होम में विजिट करने वालों के लिए जारी दिशा निर्देश की जानकारी मांगी और कहा कि कोर्ट के आदेश के विपरीत किसी को लड़कियों से क्यों मिलने दिया जा रहा है।