दूसरे वकील के रोल पर कर रहे थे बहस, कस्टडी में लिए गए

फाइल सील, जांच का आदेश, वकालत करने पर रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट मुकदमे की सुनवाई के दौरान उस समय सकते में आ गयी जब एक वकील ने कोर्ट को बहस कर रहे वकील के बारे में बताया कि उसके एडवोकेट रोल का बिना अनुमति प्रयोग कर बहस कर रहे मेरे नाम के वकील कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं। वकील जितेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि अपील में दर्ज एडवोकेट रोल मेरा है। जिसका गलत इस्तेमाल हो रहा है। कोर्ट ने दूसरे के एडवोकेट रोल पर बहस करने वाले वकील जितेन्द्र कुमार सिंह को अगले आदेश तक किसी भी न्यायालय में बहस करने पर रोक लगा दी है।

14 को दाखिल करें सील बंद रिपोर्ट

कोर्ट ने महानिबन्धक को इस मामले की विस्तृत जांच कर 14 सितम्बर 18 को सील कवर लिफाफे में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। साथ ही अपील की पत्रावली भी सील कर दी है और कहा है कि इसे कोई न खोले। कोर्ट ने अधिवक्ता जितेन्द्र कुमार सिंह का गाउन व बैण्ड उतरवा लिया और पुलिस अभिरक्षा में लेकर कोर्ट रूम 51 से महानिबन्धक कार्यालय तक ले जाने का निर्देश दिया। महानिबन्धक को प्रारम्भिक पूछताछ कर छोड़ देने को कहा है और बहस करने वाले वकील जितेन्द्र कुमार सिंह को अगली सुनवाई की तिथि 14 सितम्बर को हाजिर होने का निर्देश दिया है। यह आदेश जस्टिस विपिन सिन्हा तथा जस्टिस इफाकत अली खान की खण्डपीठ ने राम गोपाल की अर्जी पर दिया है।

असली ने किया नकली को चैलेंज

मालूम हो कि सुबह 10 बजे जब केस पुकारा गया तो अधिवक्ता जितेन्द्र कुमार सिंह ने बहस शुरू ही की थी कि दूसरे अधिवक्ता जितेन्द्र कुमार सिंह ने आपत्ति की कि असली जितेन्द्र कुमार सिंह वह हैं। जो वकील बहस कर रहे हैं उन्होंने उनके एडवोकेट रोल का गलत इस्तेमाल किया है। इससे पहले भी ये 8 से 10 बार ऐसा कर चुके हैं। कोर्ट ने जब पूछताछ शुरू की तो विरोधाभाषी बयान दिये, कहा मुंशी की गलती से रोल लिख गया। फाइल कवर पर रोल प्रिन्ट होने की बात पर कहा कि उनका रोल स्थायी पता न होने के कारण अस्वीकार कर दिया गया। किन्तु उसका 1999 का बार कौंसिल में पंजीकरण है। परिचय पत्र कोर्ट ने फाइल में ले लिया। कोर्ट आफिसर, महानिबन्धक व निबन्धक शिष्टाचार को बुलाया और पुलिस अभिरक्षा में महानिबन्धक कार्यालय में भेज दिया। कोर्ट ने महानिबन्धक को विस्तृत जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।