हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार व इलाहाबाद विश्वविद्यालय से मांगा जवाब

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूइंग क्रिश्चियन कालेज प्रयागराज के प्राचार्य की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी है और केंद्र सरकार व इलाहाबाद विश्वविद्यालय से याचिका पर 6 हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट ने विश्वविद्यालय की तरफ से कोई अधिकृत वकील न होने पर उसे नोटिस जारी की है।

ओएसडी को क्षेत्राधिकार नहीं

यह आदेश जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र ने प्रबन्ध समिति यूइंग क्रिश्चियन कालेज के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के चेयरमैन पीटर बलदेव की याचिका पर दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता जीके सिंह व भारत सरकार के अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी ने पक्ष रखा। विश्वविद्यालय के अधिवक्ता नीरज त्रिपाठी व चन्दन शर्मा ने स्वयं को अधिकृत नहीं बताया। याची अधिवक्ता का कहना है कि याची संस्था अल्पसंख्य शिक्षण संस्थान है। विशेष कार्याधिकारी के प्राचार्य पद को भरने का विज्ञापन निकालने का क्षेत्राधिकार नहीं है। ऐसा करना कालेज के प्रबन्धकीय अधिकार में हस्तक्षेप है। याचिका में विशेष कार्याधिकारी के अधिकारी को चुनौती दी गयी है।

निलंबित की गयी थी गवर्निग बॉडी

बता दें कि कालेज की प्रबंध समिति पर प्रशासनिक व वित्तीय अनियमितता की शिकायत पर विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद के प्रस्ताव पर कुलपति ने कालेज की गवर्निग बाडी निलम्बित कर दी थी। प्रशासनिक, शैक्षिक व वित्तीय अधिकारी के साथ कालेज के संचालन के लिए आरके सिंह को विशेष कार्याधिकारी नियुक्त किया। प्राचार्य, मैसी के सेवानिवृत्ति के बाद अध्यापकों व स्टॉफ का वेतन रुक गया। कालेज में ताला लग गया। जिस पर कुलपति ने कार्यवाही की। प्राचार्य ने कार्यकाल बढ़ाने की मांग में याचिका दाखिल की थी, वह खारिज हो गयी। कालेज प्रबंध समिति ने कालेज में प्राचार्य की खाली पद भरने को ओएसडी ने भर्ती विज्ञापन निकाला है। जिसे याचिका में चुनौती दी गयी है।