सभी अध्यापकों की संबद्धता समाप्त कर स्कूलों में भेजने का निर्देश

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प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापकों को सरकारी कार्यालयों में शिक्षणेत्तर कार्यो के लिए संबद्ध (अटैच) नहीं किया जाएगा। एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में यह जानकारी दी। सरकार की ओर से बताया गया कि इस आशय के आदेश जारी कर दिए गए हैं और सभी अध्यापकों की संबद्धता समाप्त कर उनको स्कूलों में भेजा जा रहा है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार को इस मामले में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

जनहित याचिका पर फैसला

सुशील त्रिवेदी की जनहित याचिका पर जस्टिस विक्रमनाथ और पंकज भाटिया की पीठ सुनवाई कर रही है। जनहित याचिका में कहा गया है कि बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूलों के तमाम शिक्षकों को सरकारी कार्यालयों में संबद्ध किया गया है। इसकी वजह से विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं और शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। मांग की गई है कि ऐसे शिक्षकों की संबद्धता समाप्त कर उनको स्कूलों में भेजा जाए, ताकि शिक्षक कार्य प्रभावित न हो।

पहले ही हटा दिये गये हैं

अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट को बताया कि शिक्षकों को सरकारी दफ्तरों में संबद्धता के सभी आदेश पहले ही वापस ले लिए गए हैं। भविष्य में भी प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल के किसी शिक्षक को सरकारी कार्यालय में संबद्ध नहीं किया जाएगा। वह सिर्फ पढ़ाने का ही काम करेंगे। कोर्ट ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को इस आशय का हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। याचिका पर 30 अगस्त को अगली सुनवाई होगी।