-हाई कोर्ट में रखा गया तर्क ब्लैकमेलिंग के शिकार हुए पूर्व केन्द्रिय मंत्री

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एलएलएम छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की कोर्ट में शुक्रवार को भी सुनवाई जारी रहेगी। याची अधिवक्ता का कहना है कि स्वामी चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग की गयी है। जब उन्होंने मांग नहीं मानी तो दुष्कर्म के फर्जी केस में फंसाया गया है।

पांच करोड़ रुपये की हुई थी मांग

पीडि़ता के पिता ने लापता होने की प्राथमिकी दर्ज कराई है जबकि वह अपने दोस्तों के साथ स्वयं रक्षाबंधन से पहले शाहजहापुर छोड़ चुकी थी। वह लगातार फोन पर परिवार के संपर्क में थी। साथ ही ब्लैकमेलिंग कर पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी। पीडि़ता जब सुप्रीम कोर्ट में पेश हुई तो उत्तर प्रदेश न आकर दिल्ली में रहने लगी और पिता से मिलकर आगे की कार्यवाही की बात की। अपने वकीलों की सलाह से दिल्ली में शिकायत दर्ज कराई। अधिवक्ता का यह भी कहना है कि हिंदू संतों को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए स्वामी चिन्मयानंद पर झूठा आरोप लगाया गया है। वहीं पीडि़ता के अधिवक्ता का कहना था कि स्वामी चिन्मयानंद ने जघन्य अपराध किया है। उन्हाेंने जो किया है उसका वीडियो साक्ष्य है। एक साध्वी ने भी चिन्मयानंद पर ऐसा आरोप लगाया था। आरोपी के प्रभाव के कारण उसे झूठे आरोप में फंसा दिया गया है।

न्यायमूर्ति वीरेंद्र हाईकोर्ट के अपर न्यायाधीश नियुक्त

न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार द्वितीय इलाहाबाद हाईकोर्ट के अपर न्यायाधीश नियुक्त किये गए हैं। उन्हें 15 नवंबर से अगले एक साल के लिए नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 224 (1) के तहत पारित आदेश को केंद्र सरकार के न्याय व कानून मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजिंदर कश्यप ने जारी किया है। इनकी नियुक्ति 15 नवंबर 2016 को अपर न्यायमूर्ति के रूप में की गयी थी।