इलाहाबाद हाई कोर्ट में पूर्व केन्द्रिय मंत्री की जमानत याचिका पर सुनवाई, सरकार से मांगा जवाब

आठ नवंबर को होगी अगली सुनवाई, पीडि़ता की जमानत अर्जी पर सुनवाई छह नवंबर को

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एलएलएम छात्रा ने पूर्व केन्द्रिय मंत्री चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाया ही नहीं है। उसने जो भी आरोप लगाये हैं उसमें पांच साल तक की ही सजा हो सकती है। ये तथ्य स्वामी चिन्मयानंद के वकील ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान रखे। कोर्ट ने इस पर सरकार से जवाब मांगा है और सुनवाई की डेट आठ नवंबर तय की है। सुनवाई जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की कोर्ट में चल रही है।

पीडि़ता के पिता पर उठाया सवाल

स्वामी चिन्मयानंद उर्फ कृष्ण पाल सिंह की अर्जी पर वरिष्ठ अधिवक्ता दिलीप कुमार ने बहस की। उनका कहना है कि स्वामी पर दुष्कर्म का आरोप ही नहीं है। जिन धाराओं में आरोप है उनमें तीन से पांच साल तक की सजा हो सकती है। कहा कि पीडि़ता के पिता स्वयं अपराधी हैं। उन्होंने कभी टीटीई (ट्रैवलिंग टिकट इग्जामनर) बनकर अवैध वसूली किया। कभी बिजली अभियंता बनकर लोगों से मीटर लगाने के नाम पर अवैध वसूली की। दोनों मामलों में आरोप पत्र दाखिल है। पीडि़ता ने स्वामी चिन्मयानंद को ब्लैकमेल करने की योजना आठ माह पहले तैयार की थी। चश्मे में कैमरा लगाकर मालिश करने का वीडियो बनाकर पांच करोड़ रुपये की रंगदारी की मांग की। इस मामले की एसआइटी जांच कर रही है। पीडि़ता ने सुप्रीम कोर्ट में दुष्कर्म का आरोप नहीं लगाया था। पिता से मिलने के बाद सोच विचार करने के बाद दिल्ली के लोधी कालोनी थाना में दुष्कर्म के आरोप की शिकायत की गई। पीडि़ता ने वाट्सएप पर धमकी देना व रंगदारी मांगने का आइटी एक्ट के तहत अपराध को स्वीकार भी किया है। जो भी साक्ष्य है मूल कैमरा न मिलने के कारण अपराध साबित करने के लिए स्वीकार्य नहीं है। पीडि़ता चश्मे पर लगा कैमरा नहीं दे रही है। ऐसे में चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का केस नहीं बनता।

दोनों ने ही गड़बड़ किया

्रपीडि़ता के वरिष्ठ अधिवक्ता रवि किरण जैन ने याची अधिवक्ता के तर्क को मनगढ़ंत बताया। उन्होंने कहा कि जमानत अर्जी के साथ कोई दस्तावेज नहीं लगाया गया। शासकीय अधिवक्ता एसके पाल का कहना था कि दोनों ने ही गड़बड़ किया है। जबकि ब्लैकमेल की आरोपी पीडि़ता की जमानत अर्जी की सुनवाई छह नवंबर को होगी। कोर्ट ने सरकार व पीडि़ता के वकीलों से चार नवंबर तक जवाब दाखिल करने तथा याची को सात नवंबर तक प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल करने का समय दिया है। अर्जी की सुनवाई आठ नवंबर को होगी।