प्रेमिका को परिजनो से मुक्त कराने के लिए हाई कोर्ट पहुंचे प्रेमी की याचिका पर हुआ आदेश, पिता को नोटिस

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युवक-युवती दोनो बालिग हैं। दोनों शादी करके साथ रहना चाहते हैं। लड़की के परिवार वालों को यह रिश्ता मंजूर नहीं है। उन्होंने अपनी मर्जी का करने के लिए युवती को बंधक बना रखा रहा है। यह अर्जी लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचे कुशीनगर के युवक को थोड़ी खुशी थोड़ा गम मिला है। कोर्ट ने उसकी अर्जी स्वीकार करते हुए सीजेएम के जरिये लड़की के पिता व भाई को नोटिस का तामीला कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में यह तथ्य भी जोड़ दिया है कि अर्जी दाखिल करने वाले युवक को एक सप्ताह के भीतर महानिबंधक के समक्ष 50 हजार रुपये जमा करने होंगे। ऐसा नहीं करने पर यह फैसला अपने आप वापस हो जायेगा।

प्रेमी को एक सप्ताह का मौका

बालिग लड़की की जबरन अपनी पसंद के लड़के से शादी कराने के लिए बंधक बनाकर रखने का यह मामला कुशीनगर जनपद का है। इसे लेकर हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका रोहन कुमार सोनी की तरफ से दाखिल की गयी थी। इस याचिका पर सुनवाई जस्टिस राजुल भार्गव की कोर्ट में हुई। कोर्ट ने लड़की के पिता व भाई को नोटिस जारी करके बंधक बनाया जाना बतायी जा रही प्रियंका वर्मा को 28 नवंबर को नेक्स्ट डेट पर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने रोहन सोनी को एक हफ्ते में महानिबंधक के समक्ष 50 हजार रुपये जमा करने का आदेश देते हुए कहा है कि यदि पैसा जमा नहीं होता तो यह आदेश स्वत: समाप्त माना जाएगा। बुधवार को कोर्ट में बहस के दौरान याची के अधिवक्ता घनश्याम मौर्य ने कहा कि याची और बंधक बनाकर रखी गयी युवती एक ही कॉलेज में पढ़ते थे। कॉलेज के दौरान दोनों में इश्क हुआ और उन्होंने शादी करने का फैसला लिया। अब दोनों बालिग हो चुके हैं और दोनों को अपनी जिंदगी के फैसले खुद लेने का अधिकार है। लेकिन, लड़की के परिवार वाले इस रिश्ते का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने लड़की की शादी की बात दूसरे लड़के से चलाने के साथ उसके घर से निकलने पर पाबंदी लगा दी है। यह सूचना याची को उसकी प्रेमिका ने कॉल करके दी।

दुष्कर्म पीडि़ता की जमानत अर्जी पर सरकार से मांगा हलफनामा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को ब्लैकमेल की आरोपी दुष्कर्म पीडि़ता की जमानत अर्जी पर राज्य सरकार से जवाबी हलफनामा मांगा है। अर्जी पर सुनवाई 29 नवंबर को होगी। केस की सुनवाई जस्टिस मंजूरानी चौहान की पीठ के समक्ष हुई। कोर्ट में बुधवार को चिन्मयानंद की तरफ से जवाब दाखिल किया गया। कोर्ट को बताया गया कि मामले की जांच कर रही एसआइटी अधीनस्थ कार्यालय में चार्जशीट दाखिल करने जा रही है। पीडि़ता के वकील का कहना था कि जांच एजेंसी शासन के दबाव में काम कर रही है। इससे जांच सही से नहीं की जा रही है। पीडि़ता ने चिन्मयानंद के खिलाफ दिल्ली में शिकायत दर्ज कराई है, जिसकी अनदेखी हो रही है।