हाईकोर्ट ने नोएडा, गाजियाबाद व मेरठ के पुलिस अधीक्षकों को दिया निर्देश

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इलाहाबाद हाईकोर्ट में नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि वह अपने शहरों में चल रहे ऐसे स्पा सेंटर, मसाज पार्लर, ब्यूटी पार्लर आदि बंद कराएं, जहां अनैतिक देह व्यापार किया जा रहा है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ता द्वारा यदि इस आशय का कोई प्रत्यावेदन दिया जाता है तो संबंधित अधिकारी उस पर गंभीरता से विचार कर नियमानुसार तत्काल कार्रवाई करें।

अफसरों से कोर्ट ने मांगा जवाब

जस्टिस पीकेएस बघेल और जस्टिस पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार और संबंधित जिलों के पुलिस अधिकारियों से जवाब मांगते हुए तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट में दाखिल सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स की जनहित याचिका में कहा गया है कि स्पा सेंटर और मसाज पार्लर के जरिए अनैतिक देह व्यापार का धंधा पूरे एनसीआर में फलफूल रहा है। इन सेंटरों में बड़ी संख्या में लड़कियां देह व्यापार में लिप्त है। बीते दिनों कुछ स्थानों पर पड़े छापे में बड़ी संख्या में लड़कियां पकड़ी गई। इन सेंटरों को बंद कराने का निर्देश देने की मांग की गई है।

कैदियों की रिहाई पर केंद्र व प्रदेश सरकार से जवाब तलब

हाई कोर्ट में दाखिल पीआईएल पर छह दिसंबर को होगी सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लंबे समय से जेलों में सजा भुगत रहे कैदियों की निश्चित अवधि के रिहाई की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर केंद्र व राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई छह दिसंबर को होगी।

नहीं हो रहा सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का पालन

यह आदेश जस्टिस पीकेएस बघेल तथा जस्टिस पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने पीयूसीएल की तरफ से उत्पला शुक्ला की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता रवि किरण जैन व दीबा सिद्दीकी ने बहस की। इनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने लंबे समय से जेलों में बंद कैदियों को गाइडलाइन के तहत रिहा करने का निर्देश दिया है। लेकिन, उसका पालन नहीं किया जा रहा है। इसकी वजह से जेलों में क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं। उन्हें मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही है।