इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा, प्रयागराज, लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ, कानपुर व नोएडा में चले अभियान
PRAYAGRAJ: पब्लिक प्लेस जहां ज्यादा भीड़ जुटती है, वहां मास्क की निगरानी ड्रोन कैमरे लगाकर की जानी चाहिए। मास्क पहनना अनिवार्य है यह सिर्फ नियम बनकर न रहे, इसके लिए सख्त कदम उठाये जाने चाहिए। यह व्यवस्था किसी दिन विशेष पर नहीं पब्लिक सप्ताह में सातों दिन लागू होनी चाहिए। यह आदेश इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को कोरोना को लेकर दाखिल पीआईएल पर सुनवाई के बाद दिया है।
छह जिलों में कोरोना का ज्यादा प्रभाव
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित छह जिलों में मास्क पहनने के नियम को अनिवार्य रूप से लागू करने के लिए कड़ी निगरानी करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि इन जिलों में सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों की ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाए।
कोरोना संक्रमण से निपटने की सरकार की तैयारियों की निगरानी कर रही जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और अजीत कुमार की बेंच ने कहा कि प्रयागराज और कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ, कानपुर व गौतमबुद्धनगर में भी इसी प्रकार का अभियान चलाया जाए। कोर्ट ने कम से कम अगले 30 दिनों तक मास्क पहनने की सघन निगरानी करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट का आदेश
खाने-पीने के सामान खुले में न बेचने का आदेश अगले छह सप्ताह तक लागू रहेगा।
एडवोकेट कमिश्नर ने कहा कि स्ट्रीट फूड वेंडर्स खुले में सामान न बेचने के नियम का पालन नहीं कर रहे हैं।
कोर्ट ने कहा कि स्थानीय खाद्य एवं औषधीय प्रशासन विभाग यह सुनिश्चित करें कि खाने की चीजें सिर्फ पैक बिकें
यह नियम अगले छह सप्ताह तक और जारी रहेगा। इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई तीन दिसंबर को रिपोर्ट मांगी है।
पुलिस की व्यवस्था
एसएसपी प्रयागराज सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने बताया कि सतत निगरानी के लिए चार-चार कांस्टेबलों की टीम बनाई गई है।
कांस्टेबल की टीम हर चार घंटे में अपनी रिपोर्ट संबंधित एरिया के थाना प्रभारी को सौंप रही है
कोर्ट ने सभी एडवोकेट कमिश्नर से कहा कि वह एसएसपी की लिस्ट के नाम और नंबर चेक करें
मोबाइल नंबरों के जरिए वह मॉनिटर कर सकते हैं या कोई दूसरा तरीका भी अपना सकते हैं
कोर्ट ने अगली सुनवाई पर सíवलांस की रिपोर्ट पेश करने का अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल को निर्देश दिया है।
कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर अदालत ने आइसीएमआर की डा। निवेदिता गुप्ता से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की। उन्होंने अदालत को टीकाकरण कार्यक्रम की प्रगति की जानकारी दी। कोर्ट को भरोसा दिलाया कि कोरोना वैक्सीन निकट भविष्य में उपलब्ध हो जाएगी।