PRAYAGRAJ: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज में संगम क्षेत्र की सालभर सुरक्षा इंतजाम करने के आदेश की अनुपालन रिपोर्ट तलब की है। कोर्ट ने मुख्य सचिव राजेंद्र प्रसाद तिवारी से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है। यह भी कहा कि यदि जारी निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो कोर्ट उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई करेगी।

तीन सदस्यों की कमेटी हुई गठित

यह आदेश जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र ने टीना श्रीवास्तव व अन्य की अवमानना याचिका पर दिया है। सुनवाई अब 26 नवंबर को होगी। याचिका पर अधिवक्ता बालेश्वर चतुर्वेदी ने बहस की। राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि मुख्य सचिव ने इस संबंध में रिपोर्ट तैयार करने के लिए तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। सुनवाई दो माह के लिए स्थगित की जाए। लेकिन, कोर्ट ने इसे नहीं माना और आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है। कुछ लोग 19 सितंबर 2015 को संगम में अस्थि विसर्जन के लिए गये थे। जल निगम की नाव पर 18 लोग सवार थे। कुछ दूर जाने पर नाव यमुना नदी में पलट गयी, उनमें से दूसरे नाविकों ने 15 लोगों को बचा लिया था। लेकिन, तीन लोगों के डूबने से मृत्यु हो गई। मृतकों में हाईकोर्ट के अधिवक्ता श्रवण कुमार श्रीवास्तव, अजय कुमार श्रीवास्तव व शंकरलाल मौर्य शामिल थे। इसके बाद मृतक श्रवण व अजय की पत्‍ि‌नयों ने याचिका दाखिल करके सुरक्षा उपायों सहित जीवनयापन के लिए मुआवजा दिलाने की मांग की।

मदद पर चीफ सेक्रेट्री लें निर्णय

कोर्ट ने मुख्य सचिव को संगम में स्नान व पूजन आदि के लिए आने वालों श्रद्धालुओं के लिए सालभर सुरक्षा का इंतजाम करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने मुआवजे के मुद्दे पर कानून के अभाव के चलते आदेश तो नहीं दिया। लेकिन, मुख्य सचिव से याचियों की स्थिति को देखते हुए आíथक सहायता या नौकरी देने के संबंध में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। इन आदेशों का पालन न करने पर यह अवमानना याचिका दाखिल की गयी है।