हाई कोर्ट ने आयोग से तीन हफ्ते में मांगा जवाब

PRAYAGRAJ: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र लोकसेवा आयोग को याची से फॉर्म की हार्डकॉपी स्वीकार करके उसे 22 सितंबर से प्रस्तावित पीसीएस-2019 मुख्य परीक्षा में शामिल करने का निर्देश दिया है। यह आदेश जस्टिस एमके गुप्ता ने प्रयागराज के सार्थक रहेजा की याचिका पर दिया है। रहेजा देशव्यापी लॉकडाउन व कंटेनमेंट जोन में फंसने के कारण ऑनलाइन भरे फार्म की हार्डकॉपी निर्धारित अवधि तक आयोग को नहीं दे सके थे। तय तारीख के बाद फॉर्म आयोग ने अस्वीकार कर दिया। इस पर उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली।

विशेष स्थिति के चलते हुई देरी

कोर्ट ने कहा कि विशेष स्थिति के कारण फॉर्म जमा करने में देरी हुई है। आयोग दाखिल दस्तावेजों का सत्यापन करके मुख्य परीक्षा में याची को बैठने की अनुमति दे। कोर्ट ने आयोग से याचिका पर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी। पीसीएस-2019 की प्रारंभिक परीक्षा में सफल याची ने मुख्य परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन भरा था। उसे डाउनलोड करके आयोग में 26 मार्च तक जमा करना था। याची का कहना है कि वह दिल्ली में था। कोरोना के चलते देशव्यापी लॉकडाउन हुआ। वह कंटेनमेंट जोन में फंस गया। सारे शैक्षिक दस्तावेज प्रयागराज में थे। इससे वह डाक से फार्म भेजने की स्थिति में नहीं था। लॉकडाउन खुलने पर प्रयागराज आया तो 15 दिन क्वारंटाइन रहा। 16 जून को फॉर्म जमा करने वह आयोग पहुंचा तो इन्कार कर दिया गया। वहीं, आयोग के अधिवक्ता का कहना है कि याची ने ऑनलाइन फॉर्म 27 फरवरी को ही डाउनलोड कर लिया था। उसे अंतिम तारीख तक इंतजार करने की आवश्यकता नहीं थी। आयोग ने 15 मई तक फॉर्म जमा करने की तारीख बढ़ा दी थी। फिर भी समय से फॉर्म जमा नहीं कर सका।