-कोरोना के चलते रमजान में दोस्तों और रिश्तेदारों को घर बुलाने की बदली रिवायत

PRAYAGRAJ: रमजान पाक के महीने में खुदा की इबादत के साथ ही इफ्तारी में लोगों के शामिल होने की रिवायत बरसों पुरानी है। आज भी लोग इसे पूरी शिद्दत से पूरा करते हैं। लेकिन कोरोना के कहर ने इस बार इस रिवायत पर भी ब्रेक लगा दिया। इस बार लोगों में फैमिली के साथ ही इफ्तारी कर रहे हैं। गौरतलब है कि धर्मगुरुओं ने इस बार सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन रखने की अपील की है।

सालों बाद टूटी परंपरा

रमजान शुरू होते ही सिटी में इफ्तार पार्टियों का सिलसिला शुरू हो जाता है। लेकिन इस बार कोरोना के चलते ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। लॉकडाउन के चलते लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी गई है। जिससे कोरोना के संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके। ऐसे में इफ्तारी के वक्त घरों और मोहल्लों में रौनक नजर नहीं आ रही है। लोग अपने परिवार के साथ ही बैठकर रोजा खोल रहे हैं। वहीं वीडियो कांफ्रेंसिंग भी एक बड़ा जरिया बन रहा है। लोग वीडियो कॉल करके इफ्तारी के वक्त आपस में जुड़ रहे हैं।

सूना रहा रमजान का पहला जुमा

रमजान के पहले जुमे पर भी खासी रौनक रहती है। लेकिन कोरोना के चलते लॉकडाउन लगे होने से इस बार रमजान का पहला जुमा भी सन्नाटे में ही गुजरा।

कोरोना के संक्रमण और लॉकडाउन को देखते हुए रमजान की शुरुआत में ही लोगों से घर में ही इफ्तार की अपील की गई थी। अभी भी लोगों से रूल्स फॉलो करने की अपील की जा रही है।

-मौलाना नादिर हुसैन

खतीब हटिया मस्जिद

सभी लोगों से अपील है कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी इफ्तार पार्टी ना करे। लोग घरों में रहकर इफ्तार करें। जिससे सरकारी नियमों का पालन हो सके

-मुफ्ती शफीक अहमद शरीफ

नायब शहर काजी