-ग्लोबल प्रॉब्लम सॉल्वर चैलेंज में पवन कुमार और शेफाली को मिला अवॉर्ड

-12 देशों के 500 स्टूडेंट्स ने किया था पार्टिसिपेट

prayagraj@inext.co.in

PRAYAGRAJ: भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद के दो स्टूडेंट्स ने इंटरनेशनल लेवल पर शानदार सफलता दर्ज की। संस्था के स्टूडेंट्स पवन कुमार और शेफाली ने इंटरनेशनल लेवल की प्रतियोगिता ग्लोबल प्रॉब्लम सॉल्वर चैलेंज-2020 (सीआईएससीओ में तीसरा स्थान हासिल करके देश और संस्थान का नाम ऊंचा किया। प्रतियोगिता में दुनिया के कुल 12 देशों के 500 से अधिक लोगों ने पार्टिसिपेट किया था। इसमें अमेरिका, इंग्लैंड, पोलैंड, कैमरून, इंडोनेशिया, कीनिया, मैक्सिको और ट्यूनीशिया शामिल हुए। पिछले 6 माह से यह प्रतियोगिता कई चरणों में संपन्न हुई। अब पवन और शेफाली को दस हजार अमेरिकी डॉलर का पुरस्कार मिलेगा। इस पैसे से यह अपनी टेक्नोलॉजी को और एडवांस बना सकेंगे।

स्टूडेंट्स संग उद्यमी भी हुए थे शामिल

ग्लोबल प्रॉब्लम सॉल्वर चैलेंज (सीआईएससीओ) एक ग्लोबल प्रतियोगिता है। इसमें दुनिया के 12 देशों के विद्याíथयों एवं उद्यमियों ने भाग लिया था। इन प्रतिभागियों ने सामाजिक या पर्यावरण संबंधी समस्या के समाधान हेतु आíथक पक्ष को प्रस्तुत किया है। सीआईएससीओ द्वारा विजयी प्रतिभागियों को अगले तीन साल के लिए टेक्नोलॉजी को डेवलप करने के लिए कहा गया है।

ड्रोन भी तैयार किया है

गौरतलब है कि इन्हीं दोनों स्टूडेंट्स की टीम ने ट्रिपलआईटी, इलाहाबाद में स्थित डिजाइन इनोवेशन सेंटर के तहत कृषि कार्यो के लिए एक ड्रोन तैयार किया है। यह ड्रोन फसलों और किसानों को कीटनाशक दवाओं के छिड़काव से होने वाले संक्रमण के खतरे से बचाएगा। इस ड्रोन के माध्यम से कीटनाशक दवाओं के छिड़काव में जो श्रमशक्ति लगती थी उसमें बचत के साथ होनी वाली हानि को कम करेगा।

यह है एजुकेशनल क्वॉलीफिकेशन

पवन और शेफाली ने बी.टेक इलेक्ट्रानिक कम्युनिकेशन में किया है। इसके बाद आईआईआईटी से एमटेक (बायोमेडिकल इंजीनियरिंग) से किया है। फिलहाल दोनों स्टूडेंट्स आईआईआईटी इलाहाबाद में डॉ। प्रितिीश भारद्वाज एवं डा। सुनील यादव के मार्गदर्शन में पी.एचडी कर रहे हैं।

दोनों स्टूडेंट्स का अचीवमेंट काबिलेतारीफ है। हम उनके बेहतर भविष्य की कामना करते हैं। साथ ही उम्मीद करते हैं कि यह दोनों आने वाले समय में संस्थान और देश का मान बढ़ाएंगे।

-प्रो। नागभूषण

डायरेक्टर, आईआईआईटी