-भटके लोगों ने मोबाइल फोन पर शेयर की लोकेशन

-50 लोगों को भूले-भटके शिविर के जरिए आपस में मिलाया गया

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जबलपुर से आए राकेश अपनी फैमिली के साथ बुधवार को संगम स्नान के लिए आए थे। इस बीच उनका बड़ा बेटा और भतीजा निवेश मेले में अचानक भटक गए। इसके बाद उन्होंने काफी देर ढूंढा लेकिन हालचाल नहीं मिला। कॉल लगाया तो उससे भी कनेक्शन नहीं हुआ। बाद में वॉट्सएप पर लोकेशन भेजकर एक दूसरे को बताया। पुलिस वालों की सहायता से लोकेशन ट्रेस की गई और परिवार को आपस में मिलाया गया। बुधवार को मकर संक्रांति स्नान के दौरान यही हालात रहे। भूले-भटके शिविर के वालंटियर्स ने 50 लोगों को उनके परिजनों से मिलवाया।

सेल्फी का क्रेज, शेयर की फोटोग्राफ

संगम स्नान करने आए श्रद्धालुओं में सेल्फी का क्रेज खूब दिखा। खासकर युवाओं ने संगम में डुबकी लगाने के बाद विभिन्न लोकेशंस पर सेल्फी क्लिक कीं। इन फोटोज को वॉट्सऐप और फेसबुक पर जमकर शेयर किया गया। उनको खूब लाइक्स और कमेंट्स भी मिले। यही कारण रहा कि अगर कोई अपने परिवार से अलग भी हुआ तो उसे तत्काल ट्रेस कर लिया गया। भटके हुए लोगों ने पंडों के झंडों के निशान को भी शेयर कर अपनी लोकेशन बताई।

फिर भी नेटवर्क ने सताया

मंगलवार को बीएसएनएल की ओर से टावर लगाए गए थे। फिर भी मेला एरिया में मोबाइल फोन कनेक्ट होने में दिक्कतें पेश आती रहीं। कई बार कॉल लगी लेकिन दूसरी ओर से आवाज नहीं आ रही थी। बड़ी संख्या में कॉल बीच में ही कट जाने की प्राब्लम लोगों को फेस करनी पड़ी। कई मोबाइल कंपनियों का नेटवर्क पूरी तरह से ध्वस्त रहा। पता चला कि उनकी ओर से मेले में नेटवर्क की अतिरिक्त कोई व्यवस्था नही की गई है।

45 महिला पुरुष, 04 बच्चे मिलाए गए

उधर, मेले में भूले-भटके शिविर सहित प्रशासन की ओर से कुल 50 लोगों को परिजनों से मिलाया गया। यह लोग मेले में एक दूसरे से बिछड़ गए थे। सभी को शिविर में बैठाकर लाउड स्पीकर से एनाउंस कराया गया। वालंटियर्स की मदद से ऐसे लोगों को शिविर में पहुंचाया गया था। देर शाम तक परिजनों का शिविर में आने का सिलसिला जारी रहा।