-माघ मेला सलाहकार समिति की बैठक में लिया गया फैसला

-कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर लिए गए बड़े फैसले

PRAYAGRAJ: त्रिवेणी की पावन धरती पर कई वर्षो से लगता आ रहा माघ मेला इस बार बेरौनक रहेगा। मेले में बाजार और झूलों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं प्रवचन, कथा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन मस्ट होगा। बुधवार को माघ मेला सलाहकार समिति की बैठक में मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने अध्यक्षता की और सदस्यों ने सर्व सम्मति से यह फैसला लिया। बैठक में कोविड संक्रमण पर रेाकथाम को देखते हुए सलाहकार समिति ने यह उपाय बताए थे। जिन पर मुहर लगा दी गई है।

समय भी बचा है कम

इस साल कोरोना संक्रमण से जूझ रही सरकार ने माघ मेले के आयोजन को हरी झंडी भी देरी से दी है। ऐसे में मेले का भव्य आयोजन कराने का समय भी शासन व प्रशासन के पास नहीं बचा है। ऐसे में मेले को सादगी भरे तरीके से आयोजित करना जरूरी था। वहीं कोरोना संक्रमण की रोकथाम भी बड़ा मुददा था। इसको देखते हुए बुधवार को आईसीसीसी में हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। आइए जानते हैं कि किन मामलों पर सलाहकार समिति ने बनाई सहमति।

ऐसे करना होगा पालन

-मेला क्षेत्र में उपस्थित हर संस्था अपने यहां आने वाले कल्पवासियों से अनिवार्य रूप से 3 दिन के भीतर कराए गए कोविड-19 आरटी-पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट लेने के उपरांत ही उन्हें कैंपों में स्थान देगी।

- को-मोरबिड कल्पवासियों से इस वर्ष घर में रहकर ही कल्पवास करने की अपील करेगी तथा कम से कम लोगों को माघ मेले में आमंत्रित कर भीड़ पर नियंत्रण करेगी।

- प्रवचन, कथा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों वाले स्थलों पर भी नियंत्रण करने की सहमति बनी। करोना संक्रमण को रोकने हेतु तथा व्यापक जनहित में इस वर्ष मेला क्षेत्र में बाजार, झूलों तथा उन सभी जगहों जहां भीड़ लगने की संभावना है पर प्रतिबंध रहेगा।

-इस अवसर पर अन्य सभी बिंदुओं पर सहमति बनाते हुए प्रयागवाल के सदस्यों ने मेला क्षेत्र में जमीन का बराबर समतलीकरण कराने, गाटा मार्गो से पानी की निकासी की उचित व्यवस्था करने तथा कोविड-19 प्रोटोकॉल्स के बारे में जागरूकता फैलाने हेतु मेला क्षेत्र में व्यापक प्रचार-प्रसार कराने की अपील की।

-आचार्य वाडा के उपस्थित सन्यासियों ने सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित कराने हेतु स्नान घाटों का क्षेत्रफल बढ़ाने तथा संस्था हेतु टीन घेरे की मांग की। दंडी वाडा के उपस्थित सन्यासियों ने श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु गाटा मार्गो का नामकरण करने का प्रस्ताव रखा।

दी जाएगी जिम्मेदारी

डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने सभी की बात सुनते हुए स्पष्ट किया की यद्यपि आने वाली सभी संस्थाओं के शिविरों में व्यापक सर्वे कर कोमोरबिड रोगियों का डेटाबेस तैयार करने, उसे डिजिटल माध्यम से उपलब्ध कराने तथा हर 15 दिन में कल्पवासियों का एंटीजन टेस्ट कराने के लिए प्रशासन कटिबद्ध है। कोविड-19 के संक्रमण को रोकने तथा संक्रमितों की पहचान हेतु संस्थाओं की सहभागिता आवश्यक है। हर संस्था को वहां रहने वाले कल्पवासियों की लिखित जानकारी उपलब्ध कराने तथा कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेवारी दी जाएगी। समिति के सदस्यों की सहमति होने के पश्चात जिलाधिकारी ने मेला क्षेत्र में बाजार, झूलों को प्रतिबंधित करने को कहा तथा व्यापारियों से अपील की है कि अभी से मेले में व्यापार करने के दृष्टिगत सामान खरीद कर न रखें। बैठक में एसपी क्राइम, आशुतोष मिश्रा, एडीएम सिटी, अशोक कनौजिया, सिटी मजिस्ट्रेट,रजनीश मिश्रा, प्रभारी अधिकारी माघ मेला विवेक चतुर्वेदी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।