-डेंगू के साथ मलेरिया के मरीजों की बढ़ रही संख्या

-रोजाना आ रहे नए मरीज, हॉस्पिटल में भी फैल रहा रोग

PRAYAGRAJ: अकेले डेंगू कहर नहीं ढा रहा है। साथ में मलेरिया ने भी हालत खराब कर रखी है। केवल अक्टूबर में इस बीमारी के मरीजों की संख्या दो सौ के पार पहुंच गई थी। जबकि प्राइवेट हॉस्पिटल्स में इसके कई गुना मलेरिया के मरीज दस्तक दे रहे हैं।

खतरनाक है मच्छरों का डंक

इस सीजन में मच्छरों का डंक बेहद खतरनाक हो चला है। अभी तक डेंगू से लोग परेशान थे, इसके बाद मलेरिया ने भी अपने पैर फैलाने शुरू कर दिए हैं। अक्टूबर माह के सरकारी आंकड़ों में मलेरिया के 224 मरीज चिन्हित किए गए। इन सभी का इलाज कराया गया है। इसके अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल्स में रोजाना सैकड़ों की संख्या में मलेरिया के मरीज दस्तक दे रहे हैं। अनुमानित संख्या के अनुसार प्राइवेट हॉस्पिटल्स में अक्टूबर माह में दो से ढाई हजार मलेरिया के मरीज आ आए हैं।

कंट्रोल नहीं हो रही है संख्या

उधर डेंगू के मरीजों की संख्या में कमी नहीं हो रही है। रविवार तक शहर में मरीजों की संख्या 513 पहुंच चुकी थी। जिस तरह का सीजन है उसे देखकर डॉक्टर्स ने फिलहाल राहत नहीं मिलने की बात कही है। जब तक ठंड अपने शबाब पर नहीं पहुंच जाती, डेंगू से छुटकारा मिलने वाला नही है। अधिकतर लोग लापरवाही बरतने से डेंगू की चपेट में आ रहे हैं।

मच्छरों पर लगाम नहीं

फिलहाल मच्छर बेकाबू हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के तमाम इंतजाम इन पर बेकार साबित हो रहे हैं। एक्सप‌र्ट्स का कहना है कि कीटनाशकों को लेकर मच्छरों में रेजिस्टेंस पैदा हो चुका है। मच्छरों की भरमार होने के बावजूद शहर में फॉगिंग नहीं कराई जा रही है जो चिंता की बात है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा फागिंग की अपील करने के बावजूद नगर निगम ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है।

ऐसे करें मच्छरों से बचाव

-दरवाजे और खिड़कियों पर महीन जाली लगवाएं।

-रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।

-कमरे में मच्छरों से बचाव के साधनों का उपयोग करें।

-सुबह-शाम पूरे बदन के कपड़ों का उपयोग करें।

-घर के भीतर और आसपास जलभराव से बचने की कोशिश करें।

मच्छरों पर लगाम लगाने की कोशिश चल रही है। फॉगिंग प्रॉपर हो जाए तो लोगों का भला हो सकता है। डेंगू और मलेरिया दोनों के फैलने से लोग थोड़ा परेशान हैं लेकिन जल्द ही इन बीमारियों से राहत मिल जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से दवाओं का छिड़काव कराया जा रहा है।

-केपी द्विवेदी, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज