अपंजीकृत गेस्ट हाउस को प्रशासन की ओर से नही मिल रही परमिशन

बड़ी संख्या में लोग फंसे, हाथ में अप्लीकेशन लेकर काट रहे कलेक्ट्रेट का चक्कर

PRAYAGRAJ: अल्लापुर के रहने वाले दिनेश पांडेय की बेटी की शादी छह दिसंबर को है। उन्होंने गेस्ट हाउस बुक करा लिया। पेमेंट भी कर दिया। मंगलवार को वह सिटी मजिस्ट्रेट के यहां कोरोना महामारी एक्ट के तहत परमिशन लेने गए तो पैरों तले जमीन खिसक गई। बाबू ने बताया कि इस गेस्ट हाउस का नाम सराय एक्ट के तहत पंजीकृत नही है। इसलिए आपको परमिशन नही मिलेगी। बता दें कि ऐसे कई लोग हैं जो गेस्ट हाउस संचालकों के सही जानकारी नही देने से अजीबों-गरीब सिचुएशन में फंस गए हैं।

लोगों को नही है जानकारी

जिले में सराय एक्ट के तहत पंजीकृत गेस्ट हाउस की संख्या 102 है

पंजीकृत होटल, लॉज और धर्मशाला की संख्या 123 है।

इनकी सूची बकायदा सभी मजिस्ट्रेट के यहां चस्पा की गई है।

अकोई शादी की परमिशन लेने जाता है तो सूची में गेस्ट हाउस का नाम ढूंढा जाता है।

उसका नाम सूची में नही है तो परमिशन देने से मना कर दिया जाता है।

यह सरकारी नियम कईयों की गले की फांस बन चुका है।

गली-मोहल्लों में है गेस्ट हाउस

शहर में गेस्ट हाउस की संख्या अच्छी खासी है।

हर गली मोहल्ले में एक से अधिक गेस्ट हाउस खुले हुए हैं।

लोगों ने नियमों को ताक पर रखकर शादी-विवाह कराने का ठेका ले रखा है।

ऐसे में बहुते से लोग जानकारी के अभाव में कम पैसे के चक्कर इनको बुक करा चुके हैं।

कोरोना महमारी एक्ट लग जाने से नियमों का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है।

जिसमें सराय एक्ट के तहत पंजीकरण को कम्पल्सरी कर दिया गया है।

धर्मशाला को छूट, निकालिए कोई साल्यूशन

जो लोग इस सिचुएशन में फंस गए हैं वह मीडिया के सामने आने से भी बच रहे हैं।

क्योंकि उनको एक्सपोज होने का खतरा है।

वह दाए-बाएं से बिना परमिशन शादी समारोह निपटाने के जुगाड़ में लगे हैं।

लोगों का कहना है कि इस सूची को प्रत्येक गेस्ट हाउस को अपने यहां चस्पा करना चाहिए

बुकिंग कराने वाले को इस बात की जानकारी देनी चाहिए।

प्रशासन ने धर्मशाला को बिना सराय एक्ट पंजीकरण शादी विवाह कराने की छूट दे रखी है।

दर्ज कराइए एफआईआर

बता दें कि जो गेस्ट हाउस संचालक इस प्रकार की मनमानी कर लोगों को बेवकूफ बना रहे हैँ उनके खिलाफ संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। अधिकारियों का कहना है कि बुकिंग के दौरान जानकारी नही देना सीधे-सीधे धोखाधड़ी का मामला है। इस पर संबंधित गेस्ट हाउस संचालक के खिलाफ मामला दर्ज हो सकता है।

प्रत्येक मजिस्ट्रेट के यहां सूची लगाई गई है। लोगों को खुद जागरुक होना होगा। बुक कराने से पहले गेस्ट हाउस संचालक से पंजीकरण हो नेकी जानकारी ले लेनी चाहिए। बाद में नियमानुसार दिक्कत हो सकती है। हम लोगों ने धर्मशालाओं को इस एक्ट से बाहर रखा हुआ है।

एके कनौजिया

एडीएम सिटी