सीएम की लिस्ट में इलाहाबाद नंबर वन, 85.77 फीसदी सड़कें गड्ढा मुक्त, लेकिन नहीं दिख रहा काम

पीडब्ल्यूडी की सड़कों का हाल अब भी है बेहाल टार्गेट से काफी पीछे है नगर निगम का काम भी

ALLAHABAD: मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन होने के साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने 15 जून तक प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का आदेश दिया था। सीएम के आदेश पर डिप्टी सीएम केशव मौर्या ने भी पीडब्ल्यूडी पर इस टार्गेट को पूरा करने का दबाव बनाया था। जिसमें प्रदेश के अन्य जिले फ‌र्स्ट पास होने के बाद भी मेरिट में भले ही शामिल नहीं हो सके। लेकिन डिप्टी सीएम के डिस्ट्रिक्ट इलाहाबाद ने आंकड़ों में तो 85.77 प्रतिशत सड़कें गढ्डा मुक्त करके मैदान मार लिया। ये तो पीडब्ल्यूडी के रिपोर्ट की बात हो गई, लेकिन हकीकत और रिपोर्ट में काफी अंतर है। शहर की सड़कें तो आज भी गढ्डायुक्त बनी हैं।

महज 70 प्रतिशत काम

पीडब्ल्यूडी ने तो 85.77 प्रतिशत सड़कें गड्ढा मुक्त करने का दावा कर मैदान मार लिया, लेकिन नगर निगम इस मामले में काफी पीछे रह गया। नगर निगम क्षेत्र की 70 प्रतिशत सड़कें ही गड्ढा मुक्त हो पाईं। ज्यादातर सड़कों व गलियों की हालत आज भी खराब है।

कहीं गढ्डा तो कहीं क्षतिग्रस्त

पीडब्ल्यूडी और नगर निगम के दावों का रियलिटी चेक करने गुरुवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम निकली, तो हकीकत सामने आई।

निरंजन पुल

पुराने शहर से शहर सिविल लाइंस और सिविल लाइंस से पुराने शहर की ओर आने का मुख्य रास्ता निरंजन डॉट पुल है, जो है तो शहर की सीमा में लेकिन ये सड़क पीडब्ल्यूडी के अधीन है। जिसे पीडब्ल्यूडी बनवा नहीं सका है। जबकि कमिश्नर और मेयर ने खुद कॉल कर आदेश दिया था।

कोठापार्चा से गऊघाट रोड

यमुनापार के लोगों के लिए शहर में इंट्री करने के बाद सिविल लाइंस और पुराने शहर में आने का मुख्य रास्ता यही है। लेकिन इस रोड की भी हालत काफी खराब है। जगह-जगह गड्ढे हैं। जिससे कार व ऑटो हिचकोले खाते हैं। ये रोड भी पीडब्ल्यूडी के अधीन है।

नवाब युसुफ रोड

नवाब युसुफ रोड शहर के सबसे व्यस्त व वीआईपी सड़कों में एक है। लेकिन इस रोड की सबसे ज्यादा हालत खराब है। आए दिन रोड को खोद दिया जाता है। इन दिनों रेलवे अस्पताल के पास सड़क किनारे बड़ा होल हो गया है, जिस पर पीडब्ल्यूडी की नजर नहीं है।

पुराना जीटी रोड, एल्गिन रोड

पीडब्ल्यूडी हाईवे चकाचक करने का भले ही दावा कर रहा है। लेकिन पुराना जीटी रोड की हालत आज भी खराब है। एल्गिन रोड पर भी बड़े-बड़े जानलेवा गढ्डे हो गए हैं।

इनकी नहीं हो सकी मरम्मत

निरंजन पुल के नीचे से गुजरी रोड

लाउदर रोड

कोठापार्चा से गऊघाट की ओर जाने वाली रोड

पुरानी जीटी रोड

इन सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे

नगर निगम और पीडब्ल्यूडी दोनों ही दावे चाहे जो कर रहे हों, लेकिन हकीकत तो रोड पर साफ-साफ दिख रही है। शहर के म्योर रोड, मेडिकल क्रासिंग रोड, कटघर रोड, बेली रोड, सिविल लाइंस एरिया, कर्नलगंज, कटरा, ममफोर्डगंज, दारागंज, अल्लाहपुर के साथ ही पुराने शहर में करेली, बलुआघाट, स्टेनली रोड के सड़कों की भी हालत खराब है।

फैक्ट फाईल-

पीडब्ल्यूडी को 30 जून तक 2,975 किलोमीटर सड़कें गड्ढामुक्त करने का दिया गया था टार्गेट

14 जून की रात तक पीडब्ल्यूडी ने 2,610 किलोमीटर सड़कों को किया गढ्डामुक्त

15 जून की शाम तक 100 किलोमीटर सड़कें और हुई गढ्डामुक्त

पीडब्ल्यूडी भले ही 85 प्रतिशत सड़कों को गढ्डा मुक्त करने का दावा कर रहा हो, लेकिन शहर में ये दावा कहीं भी नहीं ठहरता है। शहर में जो सड़कें पीडब्ल्यूडी के अधीन हैं, वे आज भी गड्ढा युक्त हैं। नगर निगम ने ज्यादातर सड़कों को गड्ढामुक्त कराया है। शहर उत्तरी को छोड़ सभी सड़कें बन गई हैं। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई जहां काम कर रहा है, वहीं कुछ दिक्कत है।

अभिलाषा गुप्ता

मेयर, नगर निगम इलाहाबाद