व‌र्ल्ड आस्टियोरोसिस डे

-चालीस की उम्र के बाद गलने लगती हैं हड्डियां

-महिलाओं को अधिक होती है दिक्कत, बार-बार होता है फ्रैक्चर

PRAYAGRAJ: घर के किसी बुजुर्ग को हल्की-फुल्की चोट के चलते अगर बार-बार फ्रैक्चर की शिकायत हो रही है तो होशियार हो जाइए। यह आस्टियोपोरोसिस के लक्षण हो सकते हैं। यह ओल्ड एज में होने वाली हड्डियों की घातक बीमारी है। इसमें हड्डियों के कमजोर हो जाने से फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। खासकर अधिक उम्र के लोगों में यह बीमारी अधिक पाई जाती है। महिलाओं में आस्टियोपोरोसिस होने के चांसेज अधिक होते हैं।

मीनोपॉज के बाद होती है अधिक दिक्कत

महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस होने का सबसे बड़ा कारण मीनोपॉज होता है। चालीस साल की उम्र के बाद महिलाओं की माहवारी बंद हो जाती है। ऐसे में उनकी बच्चेदानी काम नहीं करती है और बॉडी में कैल्शियम कम एब्जॉर्ब होता है। ऐसे में उनकी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इससे आस्टियोपोरोसिस की समस्या बढ़ने लगती है। इसलिए महिलाओं को बचपन से हड्डियों को मजबूत करने वाले फूड सप्लीमेंट्स लेने की हिदायत दी जाती है।

कोरोना संक्रमण के दौरान बढ़ी समस्याएं

कोरोना संक्रमण के दौर में हड्डियों से जुड़ी बीमारियां का खतरा बढ़ा है। पहले से जिनका वजन अधिक है उनको लॉकडाउन में अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। हॉस्पिटल आने वालों का कहना है कि लॉकडाउन में उनका मूवमेंट कम होने से वजन बढ़ गया। इससे हड्डियों से जुड़ी समस्याएं अधिक होने लगीं। डाक्टर्स का कहना है कि जिन्हें थाइरॉएड है, वे स्टेरॉयड या पेनकिलर्स ले रहे हैं, तो उनका वजन तेजी से बढ़ता है और घर में बैठे रहने से मसल्स कमजोर हो जाती हैं। ऐसे में अपने खानपान पर भी ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

इनसे मजबूत होंगी हड्डियां

-दूध के गिलास या दही की कटोरी में करीब 300 मिलीग्राम कैल्शियम होता है।

-टोफू, सोयाबीन, हरी पत्तेदार सब्जियों, पनीर, चीज, आंवला से भी कैल्शियम मिल सकता है।

-यह सही है कि भोजन से मिलने वाला कैल्शियम बेहतर होता है।

-लेकिन कई बार किसी खास बीमारी और पाचन संबंधी समस्या के कारण कैल्शियम टैब्लेट या सप्लीमेंट्स भी लेने पड़ सकते हैं।

आस्टियोपोरोसिस में हड्डियां खोखली पड़ जाती हैं। ठीक उसी प्रकार जैसे सालिड पत्थर और उबला हुआ आलू। कमजोर हो जाने के चलते बार-बार उनमें फ्रैक्चर क प्राब्लम होती है। जिससे कमर के निचले हिस्से के साथ बैक पेन भी होने लगता है। इससे बचने के लिए पोषक आहार लेना चाहिए और लक्षण नजर आने पर डाक्टर से जरूर संपर्क करें।

-डॉ। प्रशांत त्रिपाठी, हड्डी रोग विशेषज्ञ