सरकार की नीतियों के खिलाफ किसानों और राजनीतिक दलों ने किया प्रदर्शन

कई घंटे तक जाम रहा कानपुर रोड, रेंगते रहे वाहन, कर्नलगंज में पुलिस ने भांजी लाठी

PRAYAGRAJ: किसानों की तमाम मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) ने शुक्रवार को जीटी रोड पर चक्काजाम कर दिया। तीन से चार घंटे तक चले भाकियू के इस प्रोग्राम के दौरान पब्लिक को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा। कानपुर से आने और जाने वाले वाहनों को लंबा सफर रेंग कर पूरा करना पड़ा। क्योंकि, किसानों के प्रदर्शन के चलते एक तरफ का रूट बंद था। इसके अलावा कर्नलगंज में किसानों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस, सपा और अपना दल के कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस को सख्ती से पेश आना पड़ा। यहां पर पुलिस को बल प्रयोग करते हुए प्रदर्शनकारियों हिरासत में लेना पड़ा।

फांसी इमली पर टूटे किसान

कानपुर रोड स्थित फंासी इमली पर शुक्रवार की सुबह सैकड़ों की संख्या में किसान एकत्र रहे। उनका कहना था कि सरकार को पांच जून को लाए गए तीनों अध्यादेश वापस लेना होगा। इसके अलावा बारा पावर प्लांट और टाटा कंपनी के विवादित मामलों के निस्तारण की मांग पर भी किसान अड़े थे। सुबह दस से दोपहर दो बजे तक चले प्रदर्शन में किसानों ने आधे घंटे तक चक्काजाम किया और इसके बाद सड़क पर ही प्रदर्शन करने लगे। ऐसे में हमेशा व्यस्त रहने वाली जीटी रोड पर जाम लग गया। सिंगल रूट से अप एंड डाउन शुरू होने से वाहनों को रेंगने पर मजबूर होना पड़ा।

डीएम-एसएसपी पहुंचे समझाने

मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम भानुचंद्र गोस्वामी और एसएसपी सर्वश्रेष्ठ तिवारी ने मौके पर पहुंचकर किसानों से वार्ता की। उन्होंने क्षेत्रीय मामलों के निस्तारण के आश्वासन के लिए किसानों को शनिवार को दोपहर एक बजे वार्ता के लिए बुलाया है। भाकियू के जिलाध्यक्ष अनुज सिंह ने बताया कि अध्यादेश वापस लिए जाने की मांग को अधिकारियों ने ज्ञापन लेकर सरकार को भेज दिया है। हमने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन देकर पांच जून को लागू किए गए तीनों अध्यादेशों को वापस लिए जाने की मांग की है।

क्षेत्रीय मांगें

जेपी कंपनी में किसान प्रमाणिक पीपीजीसीएल रोल में थे, वैसे ही टाटा कंपनी भी रोल पर रखे।

दस वर्षो का ईपीएफ तत्काल कर्मचारियों के खाते में डाला जाए।

खन सेमरा गेट तत्काल खोले जाएं।

वादे अनुसार के कंपनी के दो किमी के दायरे में नि:शुल्क बिजली दी जाए।

अवैध सीमेंट प्लांट बंद कराकर प्रभावितों को नौकरी दी जाए।

गांव का संपूर्ण विकास किया जाए।

नेशनल मांगें

कृषक कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा करार अध्यादेश 2020

कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश 2020

आवश्यक वस्तु अधिनियम संशोधन अध्यादेश 2020 वापस लिया जाय

न्यूनतम समर्थन मूल्य को सभी फसलों पर लागू करते हुए कानून बनाया जाए।

समर्थन मूल्य से कम पर फसल खरीदने को अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाए।

किसानों का कहना था कि सरकार ने मामलों के निस्तारण में लापरवाही बरती तो 12 अक्टूबर को किसान आर पार की लड़ाई को बाध्य होंगे।

37 लोग लिये गये हिरासत में

कृषि विधेयक के विरोध में छात्रसंघ भवन से बालसन चौराहे पर समर्थन देने जा रहे एनएसयूआइ, समाजवादी छात्रसभा और आइसा से जुड़े छात्रों पर शुक्रवार को पुलिस ने लाठियां बरसाई। एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव और सछास के जिलाध्यक्ष अखिलेश गुप्ता की अगुवाई में छात्र जब छात्रसंघ भवन से बालसन चौराहे पर जाने को निकले तो पुलिस ने यूनिवर्सिटी का गेट बंद कर दिया। जब छात्र गेट लांघकर सड़क पर आ गए उन पर बल प्रयोग हुआ। इससे कुछ छात्रों को मामूली चोटें भी आई। पुलिस ने मौके से अखिलेश यादव, जिलाध्यक्ष अक्षय यादव, इकाई अध्यक्ष सत्यम कुशवाहा, राष्ट्रीय समन्वयक जितेश मिश्र, हरिकेश हैरी, कोमलाक्ष नारायण गिरि, अभिषेक द्विवेदी, इविवि छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष उदय प्रकाश यादव, सछास के जिलाध्यक्ष अखिलेश गुप्ता, शोध छात्रा नेहा यादव, अविनाश विद्यार्थी, हरेंद्र यादव, जितेंद्र धनराज, सैफ, राहुल पटेल, आयुष, अभिषेक यादव, शिवबली, अभिषेक, मुबस्सिर और आइसा के प्रदेश अध्यक्ष शैलेष पासवान आदि को हिरासत में ले लिया। देर शाम को सभी को मुचलके पर छोड़ दिया गया।

किसान कानून को बताया काला कानून

छात्रसंघ भवन पर छात्रसंघ बहाली के लिए छात्रनेता अजय यादव सम्राट की अगुवाई में पूर्णकालिक अनशन 66वें दिन भी जारी रहा। अनशन स्थल पर पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह ने कहा कि अधिकतर छात्र ग्रामीण परिवेश से आए हैं। अगर अब किसान बिल का विरोध न हुआ तो आने वाले दिनों में पछताना पड़ सकता है। इस दौरान सुशील कुशवाहा, राहुल पटेल, नवनीत यादव, मो। मसूद, हरेंद्र यादव, संदीप पटेल, रजनीश यादव, आयुष प्रियदर्शी आदि थे।

आप कार्यकर्ताओं से पुलिस की झड़प, नारेबाजी

आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बालसन चौराहे पर कृषि बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष डॉ। अल्ताफ अहमद ने कहा कि कृषि क्षेत्र को पूंजीपतियों के हाथ में दे दिया है। इससे किसानों को भारी नुकसान होगा। प्रदर्शन में भीड़ बढ़ने पर पुलिस ने आप कार्यकर्ताओं को हटाने की कोशिश की तो झड़प हो गई। इस दौरान पुलिस ने 15 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। इसमें जिला महासचिव सर्वेश यादव, प्रदेश सचिव अंजनी कुमार मिश्रा, जिलाध्यक्ष डॉ। अल्ताफ अहमद, सर्वेश कुमार यादव, आकाश सिंह ज्वाला, सत्यम राय आदि थे।

उपवास पर बैठे कांग्रेसी, केंद्र सरकार को कोसा

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बालसन चौराहा स्थित पंडित नेहरू की प्रतिमा के समक्ष उपवास पर बैठकर धरना दिया। केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कहा कि सरकार को किसानों से कोई हमदर्दी नहीं है, सिर्फ उद्योगपतियों की फिक्र है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सचिव उज्जवल शुक्ला, संयोजक सुशील तिवारी, किशोर वाष्र्णेय, राम किसुन पटेल, अरुण तिवारी, संजय तिवारी, विवेकानंद पाठक, सुरेश यादव, अनिल पांडेय, बलराम ¨बद, जितेंद्र तिवारी आदि थे।