-कहीं वॉट्सअप कॉलिंग तो कहीं ग्रुप वीडियो कॉल पर हुआ सेलिब्रेशन

-भाइयों ने गिफ्ट के साथ ही बहनों को दिया कोरोना से रक्षा का वचन

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PRAYAGRAJ: भाई-बहन के असीम प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन परंपरागत अंदाज में मनाया गया। इस साल कोरोना के चलते दूर रहने वाले भाई-बहनों ने यात्रा से परहेज किया। इन लोगों ने मोबाइल पर वॉट्सअप कॉल और ग्रुप वीडियो कॉल के जरिए परंपरा का निर्वाह किया। वहीं शहर और आसपास रहने वाले भाई-बहनों ने आने-जाने के लिए निजी साधनों व रोडवेज बसों का सहारा लिया। सुबह नौ बजे शुभ मुहूर्त की शुरुआत के साथ ही शुरू हुआ राखी बांधने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा।

कोरोना से रक्षा का संकल्प

कोरोना काल में रक्षाबंधन इस बार कई मायनों में अलग रहा। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की पहल का स्वागत करते हुए बहनों ने भाई से कोरोना से रक्षा का वचन लिया। भाइयों ने भी इसे खुशी-खुशी स्वीकार किया। वहीं कोरोना के चलते इस बार मिठाई की दुकानों पर भीड़ कम नजर आई। रक्षाबंधन पर भाई-बहन एक-दूसरे से जरूर मिलते हैं। लेकिन, कोरोना संक्रमण के कारण अबकी उत्साह में थोड़ी कमी रही। जो बहन-भाई दूर थे उन्होंने वीडियो कॉलिंग के जरिए एक-दूसरे को देखा। बहन ने भाई के नाम पर लड्डू गोपाल को राखी बांधा।

संगम में लगी डुबकी, हुआ श्रावणी उपाकर्म

रक्षाबंधन पर्व व सावन का अंतिम सोमवार पड़ने के कारण संगम में भोर से स्नान, ध्यान व दान का सिलसिला शुरू हो गया। संगम के पावन जल में डुबकी लगाने के लिए दूर-दूर से लोग आए। वहीं, वैदिक ब्राह्मणों ने संगम में स्नान करने के बाद श्रावणी उपाकर्म किया। विधि-विधान व वैदिक रीति से श्रावणी उपाकर्म किया गया। मां काली घाट मंदिर चौखंडी कीडगंज पर तीर्थपुरोहित गंगा महासभा के महामंत्री धीरज शर्मा के नेतृत्व में श्रावणी उपाकर्म का आयोजन हुआ। वहीं, सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा की ओर से यू-ट्यूब के जरिए श्रावणी उपाकर्म के महत्व पर प्रकाश डाला गया।