शुक्रवार को जलस्तर

गंगा : 78.99 मीटर

यमुना : 76.84 मीटर

-चौबीस घंटे में 26 सेमी बढ़ा जलस्तर, तीन से चार दिन में यमुना दिखा सकती है रौद्र रूप

-कानपुर से रोजाना छोड़ा जा रहा है ढाई लाख क्यूसेक पानी

<शुक्रवार को जलस्तर

गंगा : 78.99 मीटर

यमुना : 7म्.8ब् मीटर

-चौबीस घंटे में ख्म् सेमी बढ़ा जलस्तर, तीन से चार दिन में यमुना दिखा सकती है रौद्र रूप

-कानपुर से रोजाना छोड़ा जा रहा है ढाई लाख क्यूसेक पानी

PRAYAGRAJ: PRAYAGRAJ: गंगा और यमुना का बढ़ता जलस्तर अब चिंता की लकीरें बढ़ाने लगा है। पिछले ख्ब् घंटे में यमुना का जलस्तर ख्म् सेंटीमीटर तक बढ़ चुका है। माना जा रहा है कि आने वाले अगले तीन से चार दिन में यमुना अपने रौद्र रूप में पहुंच सकती हैं। वजह, एमपी में हो रही तेज बारिश का सैलाब सीधे यमुना में ही समाहित किया जा रहा है।

पलट गया रेशियो

अभी तक गंगा में अधिक उफान आ रहा था। लेकिन शुक्रवार को यह ट्रेंड यमुना में देखने को मिला है। पिछले चौबीस घंटों में गंगा नदी में केवल सात सेमी उफान आया तो यमुना में ख्म् सेमी जलस्तर बढ़ा है। इसके चलते छतनाग में कुल ख्भ् सेमी तक जलस्तर बढ़ा। अधिकारियों का कहना है कि यमुना में अब ट्रेंड बढ़ सकता है। उधर गंगा में भी रोजाना कानपुर से ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है जिसका असर लगातार बना हुआ है।

आधा दर्जन नदियों का पानी आएगा प्रयाग

माना जा रहा है कि अगले तीन से चार दिन में यमुना में तेज उछाल आ सकता है। इसमें मध्य प्रदेश की बेतवा, चंबल समेत छोटी-बड़ी आधा दर्जन नदियों का पानी शामिल होगा। इस समय मध्य प्रदेश में जबरदस्त बारिश हो रही है जिसकी वजह से वहां का बांध का पानी नदियों में छोड़ा जा रहा है। हर साल की तरह यह पानी प्रयागराज होकर निकलता है। जिससे यहां के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन जाती है।

बॉक्स

दो मीटर का अंतर, फिर बैक मारेगा पानी

-प्रयागराज के निचले इलाकों में बाढ़ आने का साइंटिफिक रीजन भी है। जिसे कम लोग ही जानते हैं।

-बता दें कि साल भर गंगा का जलस्तर आमतौर पर यमुना से चार मीटर अधिक होता है।

-मानसून में दोनों बराबरी पर आ जाती हैं और इसके बाद पानी बैक मारने लगता है।

-यही वजह है कि निचले इलाकों में पानी तेजी से पहुंचने लगता है।

-इस बार भी दोनों नदियों के बीच का अंतर घटकर दो मीटर रह गया है।

एनडीआरएफ को दी गई है जिम्मेदारी

हर साल की तरह इस बार संभावित बाढ़ के मददेनजर बेहतर तैयारी की जा रही है। इस बार दो माह पहले से ही एनडीआरएफ की टीम को काशी से बुलाकर प्रयागराज में तैनात कर दिया गया है। इसका सबसे बड़ा कारण कोरोना संक्रमण भी है। दूसरा कारण देशभर में जोरदार बारिश का होना है। माना जा रहा है कि बाढ़ आने पर प्रशासन के पास लोगों को आश्रय देने के साथ बड़ा चैलेंज संक्रमण को फैलने से रोकना भी होगा।

गंगा के साथ यमुना में भी उफान आने लगा है। यह मध्य प्रदेश से आने वाला पानी जो धीरे धीरे अपनी पैठ बना रहा है। गंगा का पानी भी अभी यमुना में समाहित होकर उसका वाटर लेवल बराबरी पर लाने में लगा है। इन सभी परिस्थितियों पर नजर रखी जा रही है।

-ब्रजेश कुमार, अधीक्षण अभियंता, सिंचाई विभाग बाढ़ प्रखंड प्रयागराज