-कॉमर्स सब्जेक्ट के कई चैप्टर के टॉपिक बोर्ड ने हटाए

-बीकॉम, सीए, आईसीडब्लूए, सीएस, बीबीए और बीसीए के लिए करना होगा एक्स्ट्रा मेहनत

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PRAYAGRAJ: कोरोना महामारी के कारण अन्य बोर्ड की तरह यूपी बोर्ड ने भी सभी विषयों के 30 परसेंट सिलैबस को कम किया है। जिससे विशेष रूप से बोर्ड परीक्षा की तैयारी में जुटे स्टूडेंट्स का प्रेसर कम किया जा सके और कोरोना संकट काल में सही प्रकार से बोर्ड परीक्षा की तैयारी हो सके, लेकिन 30 परसेंट कामर्स में कम किए गए कोर्स से फ्यूचर में बीकॉम प्रवेश परीक्षा, सीए, आईसीडब्लूए, सीएस, बीबीए और बीसीए आदि में एडमिशन के दाखिले के लिए कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा।

12वीं में पार्टनरशिप के कई टॉपिक हटे

इंटरमीडिएट में कामर्स में 30 परसेंट सिलैबस की हुई कटौती पर नजर डाले तो उसमें कई टॉपिक हटाए गए है। एकाउंटेंसी यानी बहीखाता एवं लेखाशास्त्र के सबसे महत्वपूर्ण चैप्टर पार्टनरशिप से साझेदारी की मृत्यु, साझेदारी का विघटन, पूर्वाधिकार अंशों का शोधन, विनियोग खाते, लागत, लेखांकन और अनुपात विश्लेषण को इस बार कोर्स से हटा दिया गया। वहंी बिजनेस आर्गनाइजेशन विषय की बात करें तो इसमें व्यापारिक संगठन के कार्य, विदेशी बीजक, समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रकाशनार्थ, पूंजी बाजार कार्यालय की कार्य विधि आदि को हटाया गया है। बैंकिग यानी अधिकोषण के अन्तर्गत बैंकिंग व्यवसाय का संगठन, बैंकों का आर्थिक चिट्ठा, ऋण हेतु दी जाने वाली जमानते, भारतीय संयुक्त स्कंध बैंक, विदेशी विनियम बैंक, भारतीय बैंकिंग विकास की रूपरेखा आदि पर बोर्ड की कैंची चली है। ये सभी विषय इस बार के सिलैबस से हटाए जाने के कारण आगे की तैयारी में जुटे स्टूडेंट्स को कई तरह की दिक्कतें उठानी पड़ेगी।

9वीं व 10वीं के चैप्टर पर भी चली है कैंची

कामर्स स्ट्रीम से पढ़ने वाले स्टूडेंट्स में 9वीं व 10वीं में भी कई चैप्टर बोर्ड ने कैंची चलाई है। 9वीं क्लास की बात करें तो कामर्स स्ट्रीम में भारतीय बहीखाता प्रणाली, प्रतिलिपिकरण, मुद्रा प्रणाली का परिचय को हटाया गया है। 10वीं में बैंक समाधान विवरण, अनुक्रमाणिका, विक्रय विवरण, सहकारी बैंक और उत्पत्ति के साधन चैप्टर पर बोर्ड की कैंची चली है। ऐसे में नेक्स्ट इयर नए क्लास में जाने वाले स्टूडेंट्स को भी कई चैप्टर को पढ़ने और समझने में पीछे छूट गए इन चैप्टर और टॉपिक को एक बार जरूर पढ़ना पडे़गा।

कॉमर्स में 30 परसेंट कम किए गए चैप्टर से इस बार भले ही स्टूडेंट्स को राहत मिल रही है। लेकिन आगे दाखिले में उनको दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। बेसिक और कई महत्वपूर्ण चैप्टर पढ़ने से छूट जाएंगे।

-जटाशंकर तिवारी

प्रवक्ता, कामर्स

रानी रेवती देवी स.वि.नि.ई.का।

कोर्स कम होने से बोर्ड की तैयारी में आसानी होगी, लेकिन उसके बाद के लिए अलग से मेहनत करनी पड़ेगी।

-आशुतोष त्रिपाठी

बोर्ड का डिसिजन स्टूडेंट्स के लिए इस बार काफी अच्छा है। तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।

-रूद्रेष गौतम

कुछ चैप्टर और टापिक इस बार नहीं पढ़ने पड़ेगे, लेकिन आगे के लिए उन्हें बाद में पढ़ना ही पड़ेगा।

-इशा सिंह

बोर्ड का निर्णय स्टूडेंट्स के लिए अच्छा है। थोड़ी दिक्कत तो आगे होगी, लेकिन उसे बाद में मैनेज किया जा सकता है।

-मृत्युंजय द्विवेदी