213 है जिले में कुल कंटेनमेंट जोन की संख्या

94 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं शहरी एरिया में

35 के करीब कंटेनमेंट जोन शहर पश्चिमी और दक्षिणी में हैं

-जिले में 200 से अधिक पहुंची कंटेनमेंट जोन की संख्या

-नए शासनादेश के बाद घट गई कंटेनमेंट की मियाद

-फिर भी पब्लिक है परेशान, बंद कर दिया जाता है रास्ता

PRAYAGRAJ: कोरोना से तो लोग परेशान हैं ही, इसके साइड इफेक्ट ने भी लोगों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। इमसें कंटेनमेंट जोन लगातार मुसीबतों का सबब बना हुआ है। शहर में तेजी से प्रतिबंधित एरिया की संख्या बढ़ रही है। इससे यातायात तो प्रभावित हो रहा है। साथ ही संक्रमित के आसपास रहने वालों को भी बंदिशों का सामना करना पड़ता है।

पहले 21, अब 14 दिन

किसी एरिया में बनाए गए कंटेनमेंट जोन की मियाद अभी तक 21 दिन थी, लेकिन अब इसे घटाकर 14 दिन कर दिया गया है। मतलब संक्रमित के चिन्हित होने के अगले 14 दिन तक इस एरिया में न तो कोई प्रवेश कर सकता है और न ही कोई जोन से बाहर जा सकता है। सभी लोग अपने घरों में रहेंगे और किसी में कोविड के लक्षण मिलने पर उसकी जांच की जाएगी।

शहर में 94 कंटेनमेंट जोन

इस समय जिले में कुल कंटेनमेंट जोन की संख्या 213 है। इसमें से शहर में 94 कंटेनमेंट जोन शामिल हैं। शहर पश्चिमी और दक्षिणी में ही 35 के आसपास कंटेनमेंट जोन बन चुके हैं। इससे लोगों का आवागमन सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है। इन एरिया में करेली, मुट्ठीगंज, धूमनगंज, चौक, शाहगंज आदि एरिया में शामिल हैं।

50 किमी से अधिक एरिया हुआ सील

शुरुआत में प्रतिदिन एक किमी का एरिया कंटेनमेंट जोन में सील किया जाता था। लेकिन अब यह एरिया घटकर महज 250 मीटर रह गया है। देखा जाए तो जिले में 53.250 किमी लंबा एरिया सील हो चुका है। जबकि अकेले शहर में सील हुआ एरिया 23.50 किमी है। यानी इतने किमी की रोड पर यातायात प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस एरिया में प्रवेश की अनुमति किसी को नहीं दी जाती है।

क्या हैं कंटेनमेंट जोन के नियम

-कोरोना पॉजिटिव आने के बाद संबधित एरिया को कंटेनमेंट जोन बनाया जाता है।

-इस एरिया में नॉर्मल गतिविधियों को पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है।

-250 एरिया में बाहरियों के प्रवेश को बंद कर दिया जाता है।

-स्थानीय लोगों को घर में रहने की इजाजत दी जाती है।

-पूरे एरिया को सेनेटाइज कराया जाता है। पब्लिक की रोजमर्रा की जरूरत की चीजों को प्रशासन मुहैया कराता है।

-इस जोन से यातायात प्रतिबंधित रहता है। वाहनों को वैकल्पिक रास्तों से जाना होता है।

दस दिन में वापस आता है मरीज

हालांकि नियमों को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन बना हुआ है। नए नियमों के तहत कोरोना संक्रमित मरीज को दस दिन में डिस्चार्ज कर दिया जाता है। जबकि कंटेनमेंट जोन की मियाद 14 दिन रखी गई है। ऐसे में लोगों में कनफ्यूजन क्रिएट होता है। उनका कहना है कि जब मरीज दस दिन में ठीक हो रहा है तो बाकी लोगों को 14 दिन क्यों बंद रखा जाता है। उधर डॉक्टर्स का कहना है कि कोविड के लक्षण आने की मियाद 2 से 14 दिन होती है। इसलिए 14 दिन के लिए कंटेनमेंट जोन बनाया जाता है।

मरीजों के बढ़ने से कंटेनमेंट जोन की संख्या भी बढ़ाई जाती है। इससे आम जनता को दिक्कत होती है लेकिन ऐसा करना भी जरूरी है। अगर कंटेनमेंट जोन न बनाया जाए तो वायरस के संक्रमण की चेन अधिक मजबूत हो जाएगी।

-डॉ। सतेंद्र राय, एसीएमओ स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज