-पुलिस प्रतियोगी परीक्षा में सेंधमारी के इरादे से पहुंचे गैंग के पांच गुर्गे चढ़े एसटीएफ के हत्थे

-गुर्गो के साथ तीन अभ्यर्थियों को भी एसटीएफ ने दबोचा, नकल के लिए खोज रहे थे जुगाड़

PRAYAGRAJ: पुलिस प्रतियोगी परीक्षा में सेंधमारी करने के इरादे से पहुंचे गैंग को एसटीएफ ने दबोच लिया। पकड़े गए लोगों में गैंग के पांच गुर्गे व तीन अभ्यर्थी शामिल हैं। गुर्गे अभ्यर्थियों से सभी परीक्षा में पास कराने के नाम पर रुपए ऐंठने का काम किया करते थे। पकड़े गए गुर्गो से टीम पूछताछ में जुटी हुई है। टीम को मालूम चला कि गैंग के गुर्गे पास कराने के नाम पर अभ्यर्थियों को फंसाने का काम करते थे। एक साथ कई अभ्यर्थियों से चार से पांच लाख रुपये में सेटिंग करते थे। इसके बाद जो खुद पास हो जाते थे उनके रुपये लेकर बाकी के पैसे वापस कर देते थे।

शनिवार से शुरू होगी परीक्षा

जिले में शनिवार से पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा शनिवार से शुरू होगी। परीक्षा से पूर्व एसडीएम ने अभ्यर्थियों को पास कराने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग को दबोच लिया। पकड़े गए गैंग के गुर्गो में मान सिंह यादव निवासी आनापुर नवाबगंज, विकास पटेल निवासी धमहापुर लोहता बाजार थाना लोहता वाराणसी, दिलीप कुमार व मंगल यादव और शिव कुमार निवासीगण किरांव मऊआईमा शामिल हैं। एसटीएफ अफसरों के मुताबिक पूछताछ में पता चला कि यह सिर्फ अभ्यर्थियों को ठगने का काम करते थे। पास कराने के नाम पर वह कई लोगों से सेटिंग करते थे। इसके बाद जो अभ्यर्थी अपने से पास हो जाते थे उनके रुपये लेकर बाकी के धीरे-धीरे कर वापस करते हैं। इन गुर्गो के साथ तीन अभ्यर्थी सत्यम पटेल निवासी जगदीशपुर मेदी थाना सोरांव, महेश कुमार निवासी भौका मऊआइमा व राजगब्बर निवासी सैदहा थाना सोरांव भी पकड़े गए हैं। यह तीनों इस गैंग के झांसे में आकर परीक्षा में पास होने के लिए सेटिंग की उम्मीद में साथ थे।

यह हुआ बरामद

02 लाख सत्तर हजार रुपए की बरामदगी हुई पकड़े गए गैंग के पास से

03 अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र, कई अन्य अभ्यर्थियों के हाईस्कूल व इंटर की मार्कशीट भी मिली

10 मोबाइल, छह वोटर आईडी, सात एटीएम कार्ड, चार आधार कार्ड, व ड्राइविंग लाइसेंस।

02 चेक बुक, एक उत्तर प्रदेश बड़ौदा ग्रामीण बैंक की पासबुक आदि मिले हैं।

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इस तरह दबोचे गए गैंग के गुर्गे

पांचों गुर्गे तीनों अभ्यर्थियों को लेकर सीएनजी इंटर कॉलेज लोढ़ान शिवपुर वाराणसी गए थे।

वहां सोनू यादव नामक व्यक्ति द्वारा इन्हें नकल कराने का भरोसा दिलाया गया, वहां से सभी प्रयागराज आ गए।

यहां भी वह केंद्रों पर नकल कराने के लिए जुगाड़ की तलाश कर रहे थे कि दबोच लिए गए।

सेटिंग न होने की स्थिति में वह अभ्यर्थियों से वसूले गए रुपये अपने पास ही रखा करते थ.े

संयोगवश यदि इनमें से कोई पास हो गया तो उसके रुपये खुद रख लिया करते थे।